Jharkhand Political Crisis: अमित शाह के दौरे के बीच छत्तीसगढ़ लाए जा सकते हैं झारखंड के विधायक! रांची से रवाना
jharkhand political crisis: झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द होने के बाद सियासी संकट दिख रहा है. बताया जा रहा है कि में जेएमएम JMM कांग्रेस और गठबंधन में शामिल अन्य विधायक छत्तीसगढ़ लाए जा सकते हैं.
रूपेश गुप्ता/रायपुर। Jharkhand Political Crisis: झारखंड में सियासी उठापटक के बीच अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि सरकार में शामिल झारखंड मुक्तिमोर्चा और कांग्रेस के विधायक झारखंड से छत्तीसगढ़ शिफ्ट किए जा सकते हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज विधायक दल की बैठक बुलाई थी. जिसमें जेएमएम JMM और कांग्रेस के विधायक शामिल हुए थे. बैठक के बाद सभी विधायक बस में सवार होकर निकले हैं.
सूत्रों के अनुसार इन विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजा जा सकता है. हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इसके अलावा इन विधायकों के बंगाल भेजे जाने की भी चर्चा है. बताया जा रहा है कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी विधायकों के साथ बस में सवार थे. बता दें कि झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, आरजेडी की महागठबंधन सरकार चल रही है. खास बात यह है कि आज की बैठक में सभी विधायक बैग और जरूरी सामान साथ लेकर पहुंचे थे.
दरअसल, के झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी एक खनन मामले में रद्द कर दी गई है. झारखंड के राज्यपाल राज्यपाल रमेश बैस ने चुनाव आयोग की तरफ से भेजी गई अनुशंसा पर यह फैसला लिया है. जिसके बाद प्रदेश में सियासी संकट बढ़ गया है. ऐसे में महागठबंधन सरकार अलर्ट हो गई है और आगे की रणनीति के लिए जेएमएम कांग्रेस और गठबंधन में शामिल अन्य विधायकों की बैठकें हुई हैं.
इसलिए विधायक छत्तीसगढ़ आ सकते हैं
अब तक सूत्रों के हवाले से यह खबर आई है कि झारखंड के जेएमएम और कांग्रेस के विधायकों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट किया जा सकता है. हालांकि अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है, जबकि झारखंड में कांग्रेस की गठबंधन सरकार है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी अच्छे संबंध है ऐसे में विधायकों के लिए छत्तीसगढ़ सेफ रह सकता है.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची जिले के अनगड़ा ब्लॉक में 0.88 एकड़ ज़मीन का खनन पट्टा मिला था. दस्तावेजों के मुताबिक 28 मई 2021 को हेमंत सोरेन ने आवेदन दिया और उन्हें 15 जून 2021 को मंजूरी मिल गई थी. इसके बाद 9 सितंबर को पर्यावरण विभाग से मंजूरी मांगी गई. जो 22 सितंबर को मिल गई. 11 फरवरी 2022 को बीजेपी ने राज्यपाल से मिलकर शिकायत की ये लाभ के पद का मामला बनता है और सीएम खुद के नाम से खनन पट्टा नहीं ले सकते. इस पूरे मामले में जांच के बाद चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में CM हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश राज्यपाल से की थी. चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द कर दी है. जिसके बाद अब झारखंड की सरकार पर सबकी नजरे हैं.