धान खरीदी से पहले मंडी कर्मचारियों की चेतावनी, बोले-सरकार पूरी करे ये मांग
छत्तीसगढ़ शासन में 1 नवंबर से धान खरीदी का ऐलान भले ही कर दिया है, लेकिन जिन समितियों के माध्यम से धान की खरीदी शुरू होनी है वहां के सभी कर्मचारियों ने धान खरीदी के पूर्व ही अपनी विभिन्न मांगों समस्याओं को लेकर शासन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
सतीश तंबोली/कवर्धा: छत्तीसगढ़ शासन में 1 नवंबर से धान खरीदी का ऐलान भले ही कर दिया है, लेकिन जिन समितियों के माध्यम से धान की खरीदी शुरू होनी है वहां के सभी कर्मचारियों ने धान खरीदी के पूर्व ही अपनी विभिन्न मांगों समस्याओं को लेकर शासन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. उन्होंने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि उनकी सारी समस्याओं का निराकरण अगर समय पर नहीं होती है तो 1 नवंबर को धान खरीदी नहीं करेंगे.
जानिए पूरा मामला
दरअसल कबीरधाम जिला अंतर्गत 103 समितियों के माध्यम से पूरे जिले में किसानों से धान की खरीदी की जाती है. 01 नवंबर से धान की खरीदी शुरू होनी है. धान खरीदी के पहले जिले में इन समितियों में कार्यरत सभी कर्मचारियों ने अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर एक दिवसीय ज्ञापन रैली निकालकर शासन के समक्ष अपनी मांग रखी है. उन्होंने 7 सूत्री मांगे रखी है. उनका कहना है कि यदि मेरी मांगे समय से नहीं पूरी हुई तो 1 नवंबर से धान की खरीदी नहीं करेंगे.
जानिए किन मांगो को लेकर दिया धरना
सुखद प्रदाय किया जाए धान खरीदी हेतु दिए जाने वाले हमाली व्यय में बढ़ोतरी किया जाए, पिछले साल के परिवहन में होल्डिंग खर्च हमाली बिल की राशि का तत्काल भुगतान किया जाए. समिति कर्मचारियों का लंबित वेतन भुगतान किया जाए और इनके मासिक वेतन में वृद्धि किया जाए, जिस समितियों की प्रोत्साहन राशि भुगतान लंबित है. उनका अविलंब भुगतान किया जाए, धान खरीदी में लगे सभी कर्मचारियों के बीमा की मांग अपनी सात सूत्रीय मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है और उन्होंने हिदायत दिया है कि उनकी मांगे यदि समय पूर्व पूरी नहीं की जाती तो वे धान की खरीदी नहीं करेंगे. सरकार चाहे तो किसी अन्य से धान की खरीदी करवा ले.
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