कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला कलेक्टर रानू साहू ने मानवता की मिसाल पेश की है, उन्होंने न सिर्फ एक छह महीने की बच्ची का नामकरण किया, बल्कि उसके लालन पालन, पढ़ाई-लिखाई से लेकर शादी तक की सारी जिम्मेदारी उठाने का संकल्प लिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल सामाजिक संस्था छत्तीसगढ़ वेलफेयर सोसायटी द्वारा संचालित अपना घर सेवा आश्रम में जन्में बच्चों के नामकरण-अन्न प्रासन्न संस्कार के लिए कोरबा कलेक्टर रानू साहू को आमंत्रित किया गया था. इस आश्रम में मानसिक रूप से विछिप्त लोगों को रख उनकी देखभाल की जाती है. जहां रानू साहू ने 6 महीने की बच्ची का नाम तेजस्विनी रखते हुए, उसका लालन-पालन, पढ़ाई-लिखाई और उसकी शादी की जिम्मेदारी उठाने का निर्णय लिया. 


ये भी पढ़ें-Chhattisgarh Corona Update: फिर मंडराया कोरोना का खतरा, इस जिले में मिले सबसे अधिक मरीज


इसके साथ ही उन्होंने बच्ची को गोद मे लेकर एक मां की उसे दुलार किया. उन्होंने इस मौके पर बच्ची का अन्न प्रासन भी कराया.कलेक्टर ने बच्ची का नामकरण करते हुए कहा कि ये बच्ची अपने नाम के अनुरूप समाज में एक विशेष मुकाम हासिल करेगी.


कलेक्टर की इस संवेदनशील पहल की पूरे जिले में प्रशंसा की जा रही है. उन्होंने इस दौरान छत्तीसगढ़ वेलफेयर सोसायटी के समाज सेवा के कामों की भी सराहना की और हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया.


गौरतलब है कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान कोरबा के पुराने बस स्टैंड में एक मानसिक रूप से विछिप्त महिला छत्तीसगढ़ वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों को मिली थी. उस समय महिला की डाक्टरी जांच में पांच महीने की गर्भवती पाई गई थी. उसे सोसायटी द्वारा चलाए जा रहे अपना घर सेवा आश्रम में लाया गया था. आश्रम में गर्भवती महिला की देखभाल की गई और महिला ने 23 जून 2021 को एक बच्ची को जन्म दिया.