जमंजय सिन्हा/महासमुंद: श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कहीं भी होता है तो वहां पर लोगों की बहुत ज्यादा भीड़ उमड़ती है और उमड़े भी क्यों न ऐसेआयोजनों में जाकर कितनी अच्छी-अच्छी बातों और हमारी पौराणिक चीजों के बारे में पता चलता है. बता दें कि महासमुंद जिले में आयोजित एक श्रीमद्भागवत कथा (A Shrimad Bhagwat Katha organized in Mahasamund district) चर्चा का केंद्र बनी हुई है.


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दरअसल, आज महासमुंद जिले में आयोजित एक श्रीमद् भागवत कथा आयोजन के दौरान इतिहास रच गया. आज महासमुंद जिले के बसना ब्लॉक में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में इतिहास बना.बता दें कि यहां आयोजित कार्यक्रम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया. 


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आयोजन ने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बनाई
निलांचल सेवा समिति के बैनर तले श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन में कलश यात्रा निकाली गई. कलश यात्रा बसना के हाईस्कूल मैदान से निकाली गयी. जो कथा स्थल दशहरा मैदान में समाप्त हुई.खास बात इस कलश यात्रा की यह रही कि कलश यात्रा में 25 हजार महिलाएं शामिल हुईं. साथ ही कलश यात्रा में एक ही तरह के परिधान में महिलाएं आकर्षण का केंद्र रहीं और यही वो वजह भी रहा कि इस आयोजन नें गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बनाई. 17 जनवरी से 24 जनवरी तक अनवरत श्रीमद् भागवत कथा का वाचन यहां होना है. 


नीलांचल सेवा समिति (Nilanchal Seva Samiti) के संस्थापक और कथा के आयोजक संपत अग्रवाल ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन का मुख्य उद्देश्य पितृमोक्ष और क्षेत्र में सुख समृद्धि है और आज गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनने जा रहा है. जो बसना नगर के लिए यादगार रहेगा. जिसमें गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड एशिया प्रमुख मनीष बिश्नोई की टीम कार्यक्रम का कवरेज एवं निरीक्षण करने पहुंचे हुए थे.