गौतम सरकार/कांकेर: क्या कोई माता पैसे की लालच और पति के मौत के बाद अपने ही कोख से जन्‍में बच्चों को छोड़कर दूसरे को अपना ले और भाग जाए तो इसे क्‍या कहेंगे. ऐसा बहुत ही कम मामला सामने आता है. कांकेर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ऐसे ही एक मामले में माता द्वारा कुमाता बनने की कहानी सामने आई है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प‍िता की मौत के बाद बेटे को म‍िली थी नौकरी 
दरअसल, पूरा मामला कांकेर बाल आरक्षक हेमंत वड्डे का है. हेमंत कांकेर ज‍िले के भानु प्रतापपुर ब्लॉक के कोड़ेकुर्से का रहने वाला है ज‍िसकी पोस्‍ट‍िंग कोरबा ज‍िले में है. 5 साल पहले दंतेवाड़ा में उसके पिता संतराम वड्डे की पोस्टिंग थी. उनकी मृत्यु हो जाने के बाद 12 वर्षीय पुत्र हेमंत को अनुकम्पा में बाल आरक्षक का पद मिला.


प‍िता की मौत के बाद मां ने कर ली दूसरी शादी 
पिता की मृत्यु के कुछ महीने बाद ही मां बाल आरक्षक और छोटी सी बहन को छोड़कर चली गई और उसने दूसरी गृहस्थी बसा ली. दूसरी शादी के बाद भी पिता की पेंशन मां के खाते में आज भी जा रही है जिसके कारण बच्चों को जीवनयापन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 


स्‍कूल की फीस भरने में हो रही परेशानी 
छोटी बहन और बाल आरक्षक अपने दादा के साथ रह रहे हैं. स्कूली शिक्षा की फीस भरने और अन्य जरूरतों की पूर्ति के लिए भी बच्चों को परेशानी हो रही है. 


एसपी ने द‍िया न्‍याय द‍िलाने का आश्‍वासन 
कांकेर एसपी शलभ सिन्हा ने आश्वासन दिया है कि उनको उचित न्याय दिलाने का भरपूर प्रयास किया जाएगा.