मुंगेली: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. यहां कांग्रेस की बहुमत वाली नगर पंचायत सरगांव में अध्यक्ष पद की कुर्सी कांग्रेस के हाथ से फिसल गई. दरअसल बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों ने नगर पंचायत अध्यक्ष राजीव तिवारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जो पारित हो गया है. सभी पार्षदों ने अपने मतों का इस्तेमाल किया था. जिसमें अध्यक्ष के पक्ष में महज 4 मत पड़े और बाकि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 10 मत मिले. 1 मत रिजेक्ट हो गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि सरगांव नगर पंचायत में कांग्रेस के 8 पार्षद हैं. बावजूद इसके नगर पंचायत के अध्यक्ष पद की कुर्सी नहीं बच पाई है.


10 पार्षद लाए अविश्वास प्रस्ताव 
दरअसल  नगर पंचायत सरगांव के अध्यक्ष राजीव तिवारी के खिलाफ करीब 5 भाजपा पार्षदों के साथ 5 कांग्रेस के पार्षदों ने मिलकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए मुंगेली कलेक्टर राहुल देव को आवेदन दिया था. जिस पर 16 जनवरी को मतदान किया गया.  


बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने के लिए अनुविभागीय अधिकारी(रा) बीएस ठाकुर ने आज 15 पार्षदों के मध्यम प्रत्यक्ष मतदान कराया. जिसमें अध्यक्ष राजीव तिवारी के पक्ष में 4 वोट और विपक्ष में 10 वोट और 1 वोट रिजेक्ट हुआ, इस तरह राजीव तिवारी के अध्यक्ष की कुर्सी अविश्वास प्रस्ताव में खिसक गई है.


कांग्रेस को मिला था बहुमत
आपको जानकार हैरानी होगी  कि इस नगर पंचायत सरगांव में कांग्रेस के 8 पार्षद है जबकि दो निर्दलीय पार्षदों ने भी कांग्रेस को ही समर्थन दिया था और वे पूर्ण बहुमत में है फिर भी अपने ही पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होना यह बताता है कि कांग्रेसी पार्षदों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था, जो कि सरकार बदलते ही नजर आने लगा.


7 पार्षदों ने दिया था इस्तीफा 
बीते दिनों सरगांव नगर पंचायत के 7 कांग्रेसी पार्षदों ने इस्तीफा देकर हड़कंप मचा दिया था.  सारे पार्षद सरगांव पंचायत अध्यक्ष राजीव तिवारी उर्फ कीटू की कार्यप्रणाली से नाराज थे. इस्तीफे के बाद से ही अध्यक्ष की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा था. इस दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्ष सागर सिंह ने नाराज पार्षदों को मनाने के लिए पंचायत अध्यक्ष राजीव तिवारी को हटाकार दूसरे पार्षद को अध्यक्ष बनाने के लिए सहमति दी थी. लेकिन जब उन्हें नहीं हटाया तो सारे पार्षदों ने इस्तीफा दिया और अब मत के जरिए ही हटा दिया गया.


रिपोर्ट - अनिल पात्रे