Nine Planets: ज्योतिष शास्त्र की मानें तो हमारे शरीर का निर्माण पांच तत्व आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी से हुआ है. ये पांचो तत्व नवग्रह सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु से नियंत्रित होती है. जब कोई तत्व कमजोर होती है, तब उस ग्रह से संबंधित बीमारियां हमारे शरीर में उत्पन्न होने लगती है. काशी के ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य बताते हैं कि शरीर में होने वाली हर बीमारी इन नवग्रहों से संबंध रखती है. आइए इनसे जानते हैं, किस ग्रह से होती है कौन सी बीमारी और क्या है इसका उपचार, जिससे हमारे शरीर में कोई बीमारी उत्पन्न न हो.
 
नवग्रह व उनसे जनित रोग एवम् उपचार 


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सूर्य ग्रह से होने वाले रोग व उपचार
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है. इसलिए यदि आपकी कुंडली में सूर्य बलवान हैं तो आपकी आत्मा बलवान होगी. आप शरीर की छोटी-मोटी व्याधियों पर ध्यान नहीं देंगे. लेकिन यदि आपकी कुंडली में सूर्य अच्छा नहीं है तो सबसे पहले आपके बाल झड़ेंगे और माइग्रेन जैसी बीमारी हो सकती है. इससे बचने के लिए प्रतिदिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान भास्कर यानी सूर्य देव को जल चढ़ाएं. 


चंद्र ग्रह से होने वाले रोग व उपचार
यदि आपके कुंडली में चंद्र ग्रह मजबूत है तो आप सहनशील और बुद्धिमान होंगे और यदि आपके कंडली में चन्द्र कमजोर है तो मन कमजोर होगा, जिससे आप भावुक अधिक होंगे.  कठोरता से आप तुरंत प्रभावित हो जाएंगे और आपके अंदर धैर्य नहीं रहेगी. चंद्रमा के कमजोर होने से सर्दी जुकाम और खांसी कफ जैसी बीमारियां उत्पन्न होगी. चंद्र ग्रह से उत्पन्न होने वाली इन समस्याओं से बचने के लिए नियमित शिव जी को जल चढ़ाएं.


मंगल ग्रह से होने वाले रोग व उपचार
ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व रखता है. यदि जिसके कुंडली में मंगल दोष है तो उनके वैवाहिक जीवन में बहुत दिक्कतें आती हैं. मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव से चोट या दुर्घटना होने का डर हमेशा बना रहता है. इससे बचने के लिए भू देवी की आराधना करनी चाहिए और खैर की लकड़ी धारण करना चाहिए.


बुध ग्रह से होने वाले रोग व उपचार
जिनकी कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है, ऐसे लोग चालाक या धूर्त किस्म के होते है. वहीं यदि आपकी कंडली में बुध की स्थिति ठीक नहीं है तो आप भोले भाले और सीधा होते हैं. जिसका कुछ लोग गलत फायदा उठाते हैं. बुध की कमजोर स्थिति से लोग चर्म रोग और सांस की बीमारियों से पीड़ित होते हैं. इंसान बहरा और गूंगा भी बुध ग्रह के दुष्प्रभाव से होता है. इससे बचने के लिए नियमति गाय को हरा चारा खिलाएं और गरीबों को हरी वस्तुओं का दान करें.


बृहस्पति ग्रह से होने वाले रोग व उपचार
जिस व्यक्ति के कुंडली में बृहस्पति ग्रह यानी गुरु ग्रह मजबूत होता है, वैसे लोग बहुत बुद्धिमान और तेज दिमाग के होते हैं. वहीं जिसके कंडली में गुरु ग्रह कमजोर होता है. वे लोग मंद बुद्धि का शिकार होते हैं और मूर्खो जैसी बातें करते हैं. गुरु की कमजोर स्थिति से पीलीया, थायराइट या पेट संबंधित बीमारी होती है. इससे बचने के लिए पीली वस्तुओं का दान करें और गुरुवार के दिन केले के पेड़ में जल अर्पित करें.


शुक्र ग्रह से होने वाले रोग व उपचार
जिस इंसान की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है, उसे यौन सुख और शारिणिक सुख मिलता है. वहीं यदि जिसके कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति कमजोर होता है, उन्हें यौन सुख नहीं मिलता है और न ही ये लोग अपने जीवन में असली आन्नद की अनुभूति लेते हैं. शुक्र ग्रह की कमजोर स्थिति से मधुमेह जैसी बीमारी होती है. इससे बचने के लिए हमेशा सफेद वस्तुओं का दान करें.


शनि ग्रह से होने वाले रोग व उपचार
शनि दुःख और पीड़ा का प्रतिनिधित्व करता है. जितने प्रकार की शारीरिक व्याधियां हैं, उनके परिणामस्वरूप व्यक्ति को जो दुःख और कष्ट प्राप्त होता है, उसका कारण शनि ग्रह होता है. शनि का प्रभाव दूसरे ग्रहों पर हो तो शनि उसी ग्रह से संबंधित रोग देता है. शनि की दृष्टि सूर्य पर हो माइग्रेन जैसी बीमारी उत्पन्न होती है, चंद्र ग्रह पर हो तो जुखाम होता है, मंगल पर हो तो रक्त की कमी या ब्लड प्रेशर, बुध पर हो तो नपुंसकता, गुरु पर हो तो मोटापा, शुक्र पर हो तो वीर्य के रोग या प्रजनन क्षमता को कमजोर करता है. इससे बचने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और शाम को दीपक का दान करें. शनि ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए अधिक से अधिक काली वस्तुओं का दान करें.


राहू ग्रह से होने वाले रोग व उपचार
यदि किसी के कुंडली में राहू ग्रह कमजोर होता है वे एलर्जी और खुजली जैसी बीमारियों से जूझता है. राहू से पीड़ित व्यक्ति का इलाज हमेशा चलता रहता है और डॉक्टरों के पास आना-जाना लगा रहता है. राहू के अशुभ स्थिति से हार्ट अटैक जैसी बीमारियां उत्पन्न होती है. इससे बचने के लिए काले कुत्ते को गेहूं की रोटी खिलाएं.


केतु ग्रह से होने वाले रोग व उपचार
जिस व्यक्कि के कुंडली में केतु ग्रह मजबूत होता है, उसका मनोविज्ञान बहुत तेज होता है. वहीं जिसके कुंडली में केतु कमजोर स्थिति में होता है, उसे हमेशा भूत-प्रेत का भय बना रहता है. केतु की खराब स्थिति से फोड़े फुंसियां और थोड़ा बहुत चोट-मोट लगने की संभावना बनी रहती है. इससे बचने के लिए भगवान शिव का नियमित जलाभिषेक करें और रोज एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जप करें.


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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष द्वारा दी गई जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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