सत्यप्रकाश/रायपुर। देशभर में नवरात्रि की धूम मची है. छत्तीसगढ़ में भी नवरात्र का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है, राजधानी रायपुर में भी बड़ी-बड़ी माता की विशाल झांकियों को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. माता के दरबार में हर दिन गरबा सहित अन्य भक्तिमय आयोजन हो रहे हैं. नवरात्रि के दौरान आपने मातारानी को प्रसाद के रूप में फल, खिचड़ी, हलवा और खीर सहित तमाम प्रकार की मिठाईयां और पकवान का भोग लगते हुए सुना और देखा होगा. लेकिन रायपुर में एक गरबा पंडाल में माता को ''गुपचुप'' का भोग लगाया और फिर गुपचुप को ही प्रसादी के रूप में वितरण किया. आप सोच रहे होंगे भला ''गुपचुप'' है क्या, तो इसके पीछे की वजह हम आपको बताने जा रहे हैं. 


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10 हजार ''गुपचुप'' का भोग
दरअसल, छत्तीसगढ़ में पानीपुरी को ''गुपचुप'' कहा जाता है, जिसका कल माता को भोग लगाया गया. मातारानी को करीब 10 हजार गुपचुप का भोग लगाया गया. भनपुरी के पाटीदार भवन में गरबा का ये आयोजन कच्छ गुर्जर क्षत्रिय समाज द्वारा किया जा रहा है. आयोजित गरबा में गुपचुप माता को भोग लगाने के बाद प्रसाद के तौर पर गुपचुप का वितरण किया गया. 


दरअसल, युवतियों और महिलाओं को गुपचुप बहुत प्रिय होता है, इसलिए समाज ने ऐसा फैसला किया गुपचुप का भोग लगाया जाना चाहिए और फिर गुपचुप को ही प्रसाद के तौर पर वितरित करना चाहिए. इसलिए फिर माता को गुपचुप का भोग लगाकर पंडाल में आए सभी भक्तों को भी गुपचुप वितरित किया गया. बता दें कि राजधानी में कई इलाकों में गरबा का आयोजन किया जा रहा है. दो साल के लंबे इंतजार के बाद नवरात्रि महोत्सव भी धूम-धाम से मनाया जा रहा है. इस दौरान इस तरह का अलग भोग सबका ध्यान आकर्षित करने वाला है.


सीएम बघेल ने विदेशी खिलाड़ियों को खिलाय था गुपचुप 
बता दें कि देशभर की तरह छत्तीसगढ़ में भी गुपचुप बहुत फेमस है. हाल ही में अंतरराष्ट्रीय चेस चैंपियनशिप के आयोजन में पहुंचे अंतराष्ट्रीय खिलाड़ियों को सीएम हाउस पर डिनर के लिए बुलाया था, जहां सीएम बघेल ने भी विदेशी खिलाड़ियों को गुपचुप खिलाया था. कई खिलाड़ियों गुपचुप बेहद पसंद आया.