अनूठी पहल: नक्सलियों के गढ़ में युवाओं को कलेक्टर-डीएसपी बनाएगा प्रशासन
कोचिंग सेंटर के पहले चरण में 400 से ज्यादा युवाओं के आवेदन प्राप्त हुए. इनमें से 200 लोगों को चयन किया गया है. कोचिंग सेंटर में लोकसेवा आयोग, व्यापम, रेलवे, बैंक और कर्मचारी चयन आयोग आदि परीक्षाओं के लिए तैयार कराई जाएगी.
पवन दुर्गम/बीजापुरः छत्तीसगढ़ के कई इलाके नक्सली हिंसा से प्रभावित थे, जिसकी वजह से वहां शिक्षा नहीं पहुंच सकी. हालांकि अब जब सुरक्षाबल लगातार मजबूत हो रहे हैं और नक्सलियों का इलाका सिमटता जा रहा है, ऐसे में नक्सलियों के गढ़ में भी युवा अब प्रशासनिक अधिकारी बनने के सपने देखने लगे हैं. नक्सल प्रभावित इलाके के युवाओं के इस सपने को साकार कर रहे हैं कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा.
बता दें कि जिले में लगातार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है. हर युवा पढ़-लिखकर बड़ा अफसर बनने का सपना देखता है लेकिन सही शिक्षा और आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते कई नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चे, युवा अपना सपना साकार नहीं कर पाते. बता दें कि बीजापुर छत्तीसगढ़ का सबसे दूरस्थ जिला है और यह पहाड़ों, जंगलों और घाटियों से घिरा है. यहां की अधिकतर आबादी आदिवासी समुदाय की है और यह आर्थिक रूप से ज्यादा मजबूत नहीं है. ऐसे में यहां के युवा जो सरकारी अफसर बनने का सपना देखते हुए, सही कोचिंग के अभाव में उनका यह सपना सपना ही रह जाता है.
अब बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा की पहल पर जिला मुख्यालय में निशुल्क कोचिंग सेंटर की शुरुआत की गई है. इससे स्थानीय युवाओं में गजब का उत्साह है. बता दें कि कोचिंग सेंटर के पहले चरण में 400 से ज्यादा युवाओं के आवेदन प्राप्त हुए. इनमें से 200 लोगों को चयन किया गया है. कोचिंग सेंटर में लोकसेवा आयोग, व्यापम, रेलवे, बैंक और कर्मचारी चयन आयोग आदि परीक्षाओं के लिए तैयार कराई जाएगी. कोचिंग सेंटर में पढ़ने के लिए नक्सली गढ़ भैरमगढ़, उसूर, आवापल्ली और भोपालपटनम जैसे सुदूर क्षेत्रों के युवा आ रहे हैं. कोचिंग में पढ़ाई कर रहे युवाओं का कहना है कि वह पहले भी परीक्षाएं देते थे लेकिन तैयारी और मार्गदर्शन के अभाव में परिणाम हमेशा निराशाजनक रहता था लेकिन अब अच्छे शिक्षकों के मार्गदर्शन में पढ़ने में मजा आ रहा है.
युवाओं ने जिला प्रशासन की इस पहल के लिए आभार जताया है. युवाओं का कहना है कि पहले रायपुर और बिलासपुर जाकर ही तैयारी करना संभव था लेकिन आर्थिक कारणों से छात्रों के लिए यह संभव नहीं था. हालांकि अब बीजापुर में निशुल्क कोचिंग शुरू होने से युवाओं को काफी फायदा होगा.