राहुल के रेस्क्यू पर बोले सीएम बघेल- रास्ते अगर चट्टानी थे तो इरादे हमारे भी फौलादी
राहुल को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम को भारी गर्मी और उमस के बीच कभी झुककर तो कभी लेटकर टॉर्च की रोशनी में काम करना पड़ा.
रायपुरः कई कठिनाईयों और असंभव से हालात में भी जांजगीर चांपा के राहुल साहू को सुरक्षित बोरवेल से निकाल लिया गया है. ऑपरेशन राहुल की सफलता पर सीएम भूपेश बघेल ने खुशी जाहिर की. सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'माना कि चुनौती बड़ी थी, हमारी टीम भी कहां शांत खड़ी थी. रास्ते अगर चट्टानी थे तो इरादे हमारे भी फौलादी थे.' सीएम के इस ट्वीट को खूब पसंद किया जा रहा है. बता दें कि 104 घंटे के अथक परिश्रम के बाद जांजगीर चांपा जिले के मालखरौदा विकासखंड के पिहरीद गांव घर के नजदीक बोरवेल में गिरे मासूम राहुल को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और भारतीय सेना के जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया.
सीएम ने ट्वीट में लिखा कि सभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. राहुल के रेस्क्यू में सबसे बड़ी चुनौती बड़ी-बड़ी चट्टानों को काटने की थी. जिसके चलते हर बार रेस्क्यू टीम को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी और नई-नई चुनौतियों से जूझना पड़ा. सुरंग खोदने के लिए मशीनें बदलनी पड़ीं.
रेस्क्यू टीम ने 65 फीट गहराई में जाकर हॉरिजेंटल सुरंग तैयार करने और राहुल तक पहुंचने में चट्टानों की बाधा काफी बड़ी थी और इसकी वजह से ही रेस्क्यू में कई दिनों का वक्त लगा. इस दौरान रेस्क्यू टीम को भारी गर्मी और उमस के बीच कभी झुककर तो कभी लेटकर टॉर्च की रोशनी में काम करना पड़ा. इसके बावजूद रेस्क्यू टीम ने ना तो हिम्मत हारी और ना ही राहुल ने जीने की आस छोड़ी. इसी का नतीजा है कि जीवन और मौत के बीच का कड़ा संघर्ष करके राहुल आखिकार बाहर आ सका.
राहुल के बाहर आने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने उसके समुचित इलाज की पूरी व्यवस्था करने के आदेश दिए. राहुल को बचाने में रेस्क्यू टीम को 104 घंटे का लंबा वक्त लगा. इस दौरान राहुल तक ऑक्सीजन और खाना पहुंचाया जाता रहा. वहीं विशेष कैमरे की मदद से राहुल की हर गतिविधि पर नजर रखी गई. फिलहाल राहुल के सुरक्षित बचाए जाने पर उसके परिजनों और शुभचिंतकों ने राहत की सांस ली है.