Records Paddy Procurement: रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए इस साल धान खरीदी की तारीख खत्म होने तक राज्य में रिकॉर्ड उपार्जन किया गया है. समर्थन मूल्य पर अब तक की सबसे बड़ी धान की खरीदी हुई है जिससे स्थापना के बाद से लेकर अब तक के सारे आंकड़े कम पड़ गए हैं. 4 फरवरी तक 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों से 144.92 लाख टन धान की खरीदी की गई है. इस साल 130 लाख टन धान खरीदी का अनुमान लगाया गया था. पिछले साल 107.53 लाख टन धान की खरीदी हुई थी.


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अंतर की राशि का भुगतान
छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की है. इसके लिए किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल के मान से दिए जा रहे हैं. वर्तमान में किसानों को समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया है. जल्द ही अंतर की राशि का भुगतान होगा. इसके लिए सरकार को किसानों के खाते में 30 हजार 68 करोड़ 81 लाख रुपये डालने होंगे.


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तारीख बढ़ने से लाभ
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने धान खरीदी की अवधि 31 जनवरी से बढ़ाकर 4 फरवरी कर दी थी. इससे ऐसे किसान जो किन्हीं कारणों से 31 जनवरी तक धान नहीं बेच पाए थे, उनको और वक्त मिल गया है. इससे 19 हजार से अधिक किसानों को लाभ हुआ और राज्य में 1 फरवरी से 4 फरवरी के बीच 2.69 लाख टन धान की खरीदी गई.


अनुपूरक बजट में 12 हजार करोड़
खाद्य मंत्री मीडिया से बात करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य में इस वर्ष धान की रिकॉर्ड खरीदी की गई है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में 145 लाख टन धान की खरीदी की गई है. समर्थन मूल्य और राज्य सरकार के उपार्जन मूल्य में अंतर की राशि का भुगतान किसानों को शीघ्र करने के लिए कृषक उन्नति योजना के तहत 12 हजार करोड़ की राशि का प्रावधान अनुपूरक बजट में किया गया है. यह राशि जल्द ही किसानों को दी जाएगी.


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बढ़ाई गई थी धान खरीदी का तारीख
खाद्य मंत्री ने कहा कि किसानों के हित में मुख्यमंत्री द्वारा संवेदनशील पहल करते हुए धान खरीदी की तिथि 31 जनवरी को बढ़ाकर 04 फरवरी की गई थी. जिसके कारण छत्तीसगढ़ के रिकार्ड संख्या में अधिकाधिक किसान अपना धान बेच पाए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की और किसानों के लिए धान का उपार्जन मूल्य 3100 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया.


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कितना था रकवा
इस साल धान बेचने के लिए राज्य के 26.85 लाख किसानों ने अपना पंजीयन कराया था. पंजीकृत धान का रकबा 33.51 लाख हेक्टेयर था. धान खरीदी की व्यवस्था के समानांतर कस्टम मिलिंग का काम भी तेजी से जारी है. उपार्जित धान 144.92 लाख टन में से 105.36 लाख टन धान के उठाव का डीओ जारी किया जा चुका है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 98.41 लाख टन धान का उठाव किया जा चुका है.