Photos: बारिश में बेहद खूबसूरत हो जाता है छत्तीसगढ़ का ये जिला, मानसून में जरूर करें दीदार
Tourist Places in Kanker: कांकेर छत्तीसगढ़ का एक बेहद खूबसूरत जिला है, जो प्रकृति की गोद में बसा हुआ है. मानसून के मौसम में यहां घूमने के लिए यहां कई खूबसूरत जगहें हैं. जानिए बारिश के मौसम में कांकेर में घूमने के लिए बेहतरीन जगहों के बारे में-
Kanker Tourism
Kanker Tourism: इस बार मानसून में छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता को निहारने और सुकून पाने के लिए कांकेर की सैर पर जाएं. जानिए कांकेर की खूबसूरत जगहों के बारे में जो आपका मन मोह लेंगी.
मलांझकुडुम झरना
मलंझाकुडुम झरना तीन अलग-अलग झरनों से मिलकर बना है. हर साल मानसून के मौसम में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. खूबसूरती से भरपूर यह झरना दूध नदी में स्थित है.
चर्रे-मर्रे झरना
कांकेर जिले का चर्रे-मर्रे झरना मानसून के मौसम में घूमने के लिए बेस्ट जगह है. यहां 16 मीटर की ऊंचाई से गिरने वाला साफ पानी देखने लायक होता है. यह पानी पहाड़ियों और हरे-भरे पेड़ों से होकर गुजरता है. यहां का शांतिपूर्ण वातावरण आपको बहुत सुकून देगा.
परसु टोला
कांकेर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित परसु टोला नौकायन और सर्फिंग जैसी जल गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है. यहां पर्यटक वाटर एक्टिविटिज के साथ यादगार समय बीताने के लिए पहुंचते हैं. परसु टोला अपने शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है.
गंगरेल बांध
गंगरेल बांध यहां पर्यटकों के लिए खूबसूरत आर्टिफिशियल बीच है. यहां एक से बढ़कर एक वाटर स्पोर्ट्स का मजा आप ले सकते हैं.
कांकेर महल
कांकेर महल को कांकेर राज महल के नाम से भी जाना जाता है. इस खूबसूरत रॉयल पैसेस को कांकेर के शाही परिवार ने बनवाया था. ये महल खूबसूरत बगीचों से घिरा हुआ है. यहां आप राजपूत और यूरोपीय स्थापत्य शैली के मिश्रण को देख सकते हैं.
सीता नदी वन्यजीव अभयारण्य
कांकेर के मध्य में स्थित सीता नदी वन्यजीव अभयारण्य प्रकृति प्रेमियों के लिए सबसे अच्छी जगह है. अभयारण्य में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का घर है, जो वन्यजीव प्रेमियों को एक मनोरम अनुभव प्रदान करता है.
शिवानी मंदिर
कांकेर स्थित शिवानी मंदिर इस क्षेत्र के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर देवी काली मां और देवी दुर्गा मां को समर्पित है. मान्यता है कि मंदिर में स्थापित प्रतिमा का आधा हिस्सा देवी काली मां और शेष आधा भाग दुर्गा मां का है.