1600 फीट ऊंचे पहाड़ पर स्थित है मां बम्लेश्वरी मंदिर, दर्शन के लिए उमड़ती है भीड़, जानें इतिहास

Maa Bamleshwari Devi Temple: मां दुर्गा और उनके कई मंदिरों के चमत्कारों की कहानियां तो दुनियाभर में मशहूर हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में स्थित मां बम्लेश्वरी का मंदिर देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखता है. नवरात्रि के मौके पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यहां मां अम्बे करीब 1600 फीट ऊंचे पहाड़ पर विराजमान हैं. यहां दर्शन के लिए भक्तों को करीब 1000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं.

रंजना कहार Thu, 26 Sep 2024-2:33 pm,
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मां बम्लेश्वरी मंदिर का इतिहास

इतिहासकारों और मंदिर के पुजारियों के अनुसार मां बम्लेश्वरी मंदिर का इतिहास करीब 2200 साल पुराना है. कहा जाता है कि राजा कामसेन ने मां बगलामुखी को अपने तपोबल से प्रसन्न कर पहाड़ों पर  विराजमान होने की विनती की थी और मां बगलामुखी मां बम्लेश्वरी के रूप में पहाड़ों पर विराजमान हो गईं.

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हालांकि मान्यताओं के अनुसार राजा कामसेन ने अपने तपोबल से देवी को प्रसन्न कर उनसे पर्वत पर विराजमान होने का अनुरोध किया था, लेकिन कुछ इतिहासकारों का मानना ​​है कि राजा विक्रमादित्य भी यहां के शासक रहे थे और वे भी देवी बगलामुखी के उपासक थे. इसलिए इसका इतिहास उज्जैन से भी जुड़ा हुआ है.

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प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है माता का मंदिर

मां बम्लेश्वरी का मंदिर डोंगरगढ़ की खूबसूरत हरी-भरी घाटियों और झील के किनारे स्थित है. मां का दरबार प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. मां बमलेश्वरी करीब 1600 फीट ऊंचे पहाड़ पर विराजमान हैं. कहा जाता है कि आज भी मां बम्लेश्वरी जागृत अवस्था में भक्तों को आशीर्वाद देती हैं.

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मान्यता है कि जो भी भक्त मां बम्लेश्वरी के मंदिर में जाकर सच्चे मन से प्रार्थना करता है, मां उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण करती हैं. जो भक्त पहाड़ की चोटी पर पहुंचकर मां के दर्शन करने में असमर्थ हैं, वे वहां विराजमान छोटी मां बम्लेश्वरी के दर्शन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

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दर्शन के लिए उमडती है भीड़

मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए भक्तों को 1000 से अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. भक्तों की सुविधा के लिए रास्ते में बैठने की व्यवस्था भी की गई है. माता के मंदिर के रास्ते में एक बाजार भी है. इसके साथ ही यहां दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की सुविधा के लिए रोपवे की सुविधा भी है.

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दिन में दो बार होती है आरती

मां बम्लेश्वरी के दरबार में दिन में दो बार आरती की जाती है. सभी भक्त घंटियों की ध्वनि के बीच आरती की धुन गुनगुनाते रहते हैं. मां के दरबार में भक्ति का यह दिव्य नजारा सभी को भक्ति की भावना में बांध देता है.

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ट्रस्ट मंडल की ओर से सुविधाएं

नवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रस्ट बोर्ड जगह-जगह अपने कर्मचारियों को तैनात रखता है. ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन करने में किसी तरह की परेशानी न हो. श्रद्धालुओं के लिए चिकित्सा सुविधाओं की भी पूरी व्यवस्था रहती है. नवरात्रि पर मेले का भी आयोजन होता है.

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