Balrampur News: 6 साल से निर्माण की बाट जोह रहा पुल, लोग हर दिन लगाते हैं जान की बाजी!

शैलेन्द्र सिंह / बलरामपुर : सरकारी विभाग की एक बार फिर लापरवाही सामने आई है. दरअसल जिले में रामचंद्रपुर विकासखण्ड है, जहां पर भीतियाही गांव से जामवन्तपुर तक मुख्य मार्ग को जोड़ने के लिए वर्ष 2010-11 में एक करोड़ 58 लाख रु की स्वीकृति मिली थी. सात किलोमीटर की सड़क के साथ साथ पुल का निर्माण भी करवाया गया था. वर्ष 2016-17 में ज्यादा बारिश होने की वजह से पांच सालों में ही करोड़ो की बनी सड़क और पुल पानी के तेज बहाव में बह गए.

जी मीडिया ब्‍यूरो Sat, 15 Oct 2022-2:58 pm,
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अब सीएम के आश्वासन के बाद इस पुल के जल्द ही बनने की उम्मीद बंध गई है. 

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भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिले के दौरे पर आए थे. जहां  ग्रामीणों ने गांव में पुल की समस्या के बारे में बताया. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने टूटे हुए पुल की जगह दो नए पुल निर्माण की घोषणा की थी. जिसकी अब स्वीकृति भी मिल चुकी है. PMGSY विभाग के अधिकारी ने बताया कि इससे पहले कई बार शासन से पुल निर्माण की स्वीकृति के लिए पत्र लिखा गया था , लेकिन उसपर कोई सुनवाई नहीं हुई थी. अब देखना यह है की प्रशासन इसका निर्माण कब तक पूरा करेगा. 

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स्कूली बच्चों को नाले की पार करके स्कूल जाना पड़ रहा है. बरसात के दिनों में स्कूली बच्चों के अलावा ग्रामीणों को भी अपनी जान जोखिम में डालकर बरसाती नाले को पार करना पड़ता है ,इसके साथ ही अगर नाले में ज्यादा पानी भर जाए तो पुल के न होने की वजह से वे बच्चे स्कूल जाना बंद कर देते हैं. 

 

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ग्रामीणों ने इसके लिए तत्कालीन भाजपा सरकार में मंत्री रहे रामविचार नेताम के साथ साथ वर्तमान समय के क्षेत्र से  कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह को जिम्मेदार ठहराया है. इसके अलावा क्षेत्र के जिला पंचायत से लेकर जनपद अध्यक्ष तक से ग्रामीण कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी सुनवाई कही भी नही हुई. वहीं पुल टूट जाने के 6 वर्ष बाद भी PMGSY विभाग इस पर कोई पहल नही कर रहा है. 

 

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पुल के टूट जाने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने  बताया कि एक गांव से दूसरे गांव तक जाने के लिए भी परेशानी हो रही है. मरीजो को दूसरे गांव या हॉस्पिटल ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं आ पाती. गांव में यदि कोई मरीज गंभीर बीमार हो जाता है तो उसे खाट के माध्यम से मुख्य मार्ग तक पहुंचाया जाता है . 

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