चुन्नीलाल देवांगन/रायपुर: राजधानी के साथ- साथ पूरे प्रदेश में नशे का कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है. राजधानी पुलिस से लेकर प्रदेश की पुलिस नशे के कारोबार पर अंकुश लगा रही है. मगर अन्य राज्यों के नशे के सौदागरों की पैठ चिंताजनक है. राजधानी में नशीली दवा बेचने का खेल जोरों पर चल रहा है. इस सूखे नशे से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है और नशीली दवा बेचने वाले चांदी काट रहे हैं. नशीली दवा का सेवन कर राजधानी में कई युवा जान गंवा चुके हैं.


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धड़ल्ले से हो रहा सूखे नशे का कारोबार
नशे के सौदागरों के लिए रायपुर सुरक्षित जगह बन चुका है. उड़ीसा के रास्ते यहां आसानी से गांजे की तस्करी हो रही है. पुलिस तस्करों की धरपकड़ जरूर कर रही है. लेकिन नशे के मुख्य नेटवर्क तक पहुंचने में अब तक असफल साबित हुई है. रायपुर के बैजनाथ पारा, ईदगाह भाठा, आमानाका, गोलबाजार सहित कई ऐसे इलाके है जहां धड़ल्ले से सूखे नशे का कारोबार हो रहा है. हालांकि रायपुर पुलिस ने इस साल नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है.


तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई
नशा के कारोबारियों के आंकड़ों पर नजर डालें तो रायपुर जिले में 1 जनवरी 2022 से लेकर 31 अक्टूबर तक 162 नशे के मामले दर्ज किए गए. इसमें 238 नशे के सौदागरों की गिरफ्तारियां पुलिस ने की. साथ ही 1 करोड़ 43 लाख 55 हजार 763 रुपए के नशे का सामान भी जब्त किया है. वहीं उड़ीसा से गांजा लेकर रायपुर आने वाले तस्करों को रोकने के लिए पुलिस काम कर रही है. एडिशनल एसपी ग्रामीण कीर्तन राठौर के मुताबिक आरंग में अलग से चेक पोस्ट का निर्माण किया गया है. आरंग और मंदिर हसौद का रोड है जो कि उड़ीसा से डायरेक्ट लगता है, उसमें चेकिंग की कार्रवाई लगातार की जा रही है.


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