नई दिल्लीः कांग्रेस ने रविवार रात राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. छत्तीसगढ़ में दो सीटों के लिए कांग्रेस ने राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन का नाम फाइलन किया है. दोनों ही नेताओं का ताल्लुक छत्तीसगढ़ से नहीं है. राजीव शुक्ला जहां उत्तर प्रदेश से आते हैं, वहीं रंजीत रंजन का संबंध बिहार से है. छत्तीसगढ़ के स्थानीय नेताओं को मौका नहीं मिला है. जिसके बाद भाजपा ने स्थानीय नेताओं को मौका नहीं मिलने पर कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है. 


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राजीव शुक्ला का ताल्लुक उत्तर प्रदेश के कानपुर से है. पत्रकारिता से अपना करियर शुरू करने वाले राजीव शुक्ला कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार किए जाते हैं. इससे पहले वह तीन बार राज्यसभा के लिए चुने जा चुके हैं. राजनीति के साथ ही राजीव शुक्ला क्रिकेट के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे हैं और बीसीसीआई के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. साथ ही हॉकी इंडिया लीग की गवर्निंग बॉडी में भी शामिल हैं.   


वहीं दूसरी उम्मीदवार रंजीत रंजन बिहार के बाहुबली सांसद पप्पू यादव की पत्नी हैं. रंजीत रंजन लोजपा के टिकट पर सांसद रह चुकी हैं. साल 2014 में रंजीत रंजन मोदी लहर के बावजूद बिहार के सुपौल से जीत हासिल की थी. हालांकि 2019 के चुनाव में रंजीत रंजन को हार का मुंह देखना पड़ा. फिलहाल रंजीत रंजन कांग्रेस संगठन के लिए काम कर रही हैं. 


पार्टी को मजबूत करने की रणनीति
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना है कि दोनों सीटों के लिए हाईकमान ने मुहर लगा दी है. हाईकमान का फैसला स्वीकार है. हाईकमान ने कहा है कि कांग्रेस ने बहुत कुछ दिया है और अब त्याग का समय आ गया है. 2024 में पार्टी को मजबूत करने की रणनीति के तहत ही उम्मीदवारों के नाम तय किए गए हैं. जो फैसला हुआ है, वह हाईकमान की सोच से हुआ है. हाईकमान के फैसले पर किसी को ऊंगली नहीं उठानी चाहिए.


बीजेपी ने उठाया छत्तीसगढ़िया का मुद्दा
राज्यसभा के लिए स्थानीय नेताओं को तरजीह ना दिए जाने के मुद्दे पर भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि दोनों सीटों पर उम्मीद दी थी कि इन पर छत्तीसगढ़ के लोगों का चयन होगा. जो स्थिति सामने है, उसमें छत्तीसगढ़ के लोग छले गए हैं. कांग्रेस से ही कांग्रेस के लोग छले गए हैं. पौने तीन करोड़ की आबादी लेकिन एक राज्यसभा सांसद बन जाए, ऐसी योग्यता कांग्रेस को किसी में दिखाई नहीं दी. पूर्व सीएम रमन सिंह ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि भूपेश बघेल के लिए छत्तीसगढ़िया सिर्फ बातों में है, जब नेतृत्व देने की बात आती है तो इधर-उधर के राज्यों के नेता आयातित कर उन्हें राज्यसभा भेज देते हैं.