राहुल ठाकुर/रायपुरः बुधवार को नागपुर में दशहरा समारोह के दौरान आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की बात कही और कहा कि लंबे समय से इसे नजरअंदाज किया जा रहा है. अब मोहन भागवत के बयान पर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस ने मोहन भागवत से बयान पर आपत्ति जताई है और कहा कि देश की जरूरतों के अनुसार जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किया जाना चाहिए. 


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छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आरएसएस की इस मांग के पीछे राजनीति है, विद्वेष है. एक समय में आरएसएस हिंदुओं को 4-4 बच्चे पैदा करने की सलाह दे रही थी और अब सीधे जनसंख्या नियंत्रण कानून की बात कर रही है. कांग्रेस नेता ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून देश की जरूरतों के मुताबिक लागू किया जाना चाहिए लेकिन पहले आरएसएस को अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए. 


जानिए क्या क्या बोले थे मोहन भागवत
दशहरा कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि एक व्यापक जनसंख्या नियंत्रण नीति की जरूरत है. जो सभी पर बराबरी से लागू होती हो. राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या असंतुलन पर हमें नजर रखनी होगी. जब सभी पर बराबरी से एक नीति लागू होगी तो किसी को भी रियायतें नहीं मिलेंगी. 


मोहन भागवत ने कहा कि कुछ साल पहले तक देश की जनसंख्या दर 2.1 थी. अब यह 2 है लेकिन इसे और नीचे लाना खतरनाक हो सकता है. मोहन भागवत ने कहा कि जब परिवार बढ़ने बंद हो जाते हैं तो समाज और भाषाएं गायब हो जाती हैं. साथ ही जनसंख्या में असमानता भौगोलिक बदलाव भी लाती है. जनसंख्या नियंत्रण और धर्म आधारित जनसंख्या संतुलन ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें लंबे समय तक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ईस्ट टिमोर, कोसावो और साउथ सूडान जैसे देश धार्मिक आधार पर हुए असंतुलन के चलते ही बने हैं.