Janjgir Champa News: जांजगीर-चांपा। जिले में रेत खदानों को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और पर्यावरण संरक्षण मंडल के मापदंडों की अवधि समाप्त हो गई है. वर्तमान में जिले में 25 रेत घाट में से सिर्फ 1 रेत घाट की ही अवधि बची है. जबकि, शेष रेत घाटों का ठेका समाप्त हो चुका है. ठेका समाप्त हो चुके रेत घाटों से रेत का अवैध खनन हो रहा है. लेकिन, इसे रोकने के लिए न जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है और न खनिज विभाग कोई कार्रवाई कर रहा है.


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धड़ल्ले से चल रहा अवैध खनन
खनन कारोबारी नदी में जाकर धड़ल्ले से रेत निकाल रहे हैं. अवैध कारोबार को लेकर खनिज विभाग के द्वारा कुछ गाड़ी पर कार्रवाई की गई. लेकिन, उसके बाद और लगातार खनिज विभाग के द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई.


अवैध उत्खनन जोरों पर
बरसात के बाद नदियों में पानी कम होने और प्रतिबंध की अवधि समाप्त होने के बाद से महानदी, हसदेव और सहायक नदियों की रेत घाटों में अवैध उत्खनन जोरों पर है. जांजगीर की 25 घाटों को उत्खनन के लिए ठेके पर दिया गया था. इसमें से 24 रेत घाटों का ठेका खत्म हो गया है. उसके लिए खनिज विभाग द्वारा तय मापदंडों के अनुसार नए सिरे से निविदा होगी. हालांकि, अभी इसमें समय लगेगा. हालांकि, इससे पहले इसका पूरा फायदा रेत माफिया उठा रहे हैं.


रेत माफिया कर रहें कालाबाजारी
निविदा अवधि समाप्त हो चुके घाटों से धड़ल्ले से रेत उत्खनन कर बिक्री की जा रही है. मगर इसे रोकने न तो जिला प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जा रहा है और न ही खनिज विभाग कोई कार्रवाई कर रही है. रेत घाट बंद होने का बहाना बनाकर रेत माफिया कालाबाजारी कर रहे हैं.


खनिज विभाग द्वारा मानसून के दौरान 15 जून से 15 अक्टूबर तक चार महीने के लिए रेत घाट को बंद कर उत्खनन व परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. हालांकि, इसके बाद भी जिले के अधिकांश रेत घाटों में पूरे समय रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन होते रहता है. इसको रोक पाने में जिला खनिज विभाग पूरी तरह से नाकाम रहा है.