Narayanpur News: क्या है `माड़ बचाओ अभियान`, जिससे नक्सलियों की नींद हुई हराम, 72 घंटे में 5 नक्सली ढेर
Maad Bachao Campaign: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षाबल को नक्सल विरोधी `माड़ बचाओ अभियान` में बड़ी सफलता मिली है. 72 घंटे तक चले इस अभियान में सुरक्षा बल ने नक्सली माड़ डिविजन कंपनी 1 के साथ हुई मुठभेड़ में 5 नक्सलियों को ढेर कर दिया है. इस दौरान मौके से बड़ी मात्रा में हथियार और नक्सली दैनिक उपयोगी सामग्री भी बरामद की गई है.
Narayanpur News: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को खत्म करने के लिए लगातार सुरक्षाबल अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है. इस कड़ी में नारायणपुर पुलिस ने नक्सल विरोधी 'माड़ बचाओ अभियान' चलाया है. इस अभियान की शुरुआत में ही सुरक्षा बल को सफलता मिली है. सुरक्षाबल ने अभियान के 72 घंटे में नक्सली माड़ डिविजन कंपनी नंबर 1 के साथ हुई मुठभेड़ में हथियारबंद 5 नक्सलियों को मार गिराया है.
5 नक्सली ढेर
माड़ डिवीजन के कुतुल एरिया कमेटी क्षेत्रान्तर्गत ग्राम हिकुलनार-घमंडी के जंगलों में सुरक्षाबल ने लगातार 72 घंटों तक अभियान चलाया था. नक्सल विरोधी 'माड़ बचाओ अभियान' के दौरान मुठभेड़ में 5 नक्सली ढेर हो गए हैं. मृत नक्सलियों की पहचान माओवादियों के PLGA कंपनी नंबर 1 सीसी प्रोटेक्शन टीम मेम्बर के रूप में हुई है.
संयुक्त टीम को मिली सफलता
ये अभियान नारायणपुर, कोंडागांव, दंतेवाडा और जगदलपुर जिले के एलिट फोर्सेस डीआरजी एवं एसटीएफ, बीएसएफ 135वीं वाहिनी एवं 53वी वाहिनी आईटीबीपी का बल ने संयुक्त रूप से चलाया. इस दौरान सुरक्षा बल ने मौके से 1 नग 303 रायफल, 3 नग 315 बोर रायफल, 2 नग मजल लोडिंग रायफल, 1 नग बीजीएल लांचर व सेल 6 नग सहित भारी मात्रा में विस्फोटक सामान और अन्य नक्सली दैनिक उपयोगी सामग्री बरामद की है.
माड़ बचाओ अभियान
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबल द्वारा चलाए जा रहे माड़ बचाओ अभियान का उद्देश्य माड़ और वहां रहने वाले निवासियों को नक्सली विचारधाराओं के चंगुल से मुक्त कराना है. सुरक्षाबल द्वारा समय-समय पर नक्सलियों को खत्म करने के लिए नक्सल विरोधी अभियान चलाए जाते हैं.
बता दें कि नारायणपुर पुलिस के नक्सल विरोधी 'माड़ बचाओ अभियान' के तहत टीम को 15 दिन में दूसरी बड़ी सफलता मिली है, जबकी बीते 60 दिनों में ये पांचवी बड़ी सफलता है. इससे पहले 30 अप्रैल को काकुर-टेकमेटा में, 24 मई को रेकावाया में, 8 जून को ईरपनार-भट्बेड़ा और 15 जून को कोड़तामरका में इस अभियान के तहत बड़ी सफलता मिल चुकी है.
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