शंकराचार्य निश्चलानंद ने ईशा मसीह को बताया कट्टर वैष्णव, PM मोदी और योगी पर जताई नाराजगी
अपने रायपुर प्रवास पर पहुंचे शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Shankaracharya Nischalananda Saraswati) ने मुस्लिम और क्रिश्चन को भी मूल रूप से सनातनी बताते हुए ईशा मसीह (Jesus Christ) को कट्टर वैष्णव बता दिया. इतना ही नहीं उन्होंने गौ रक्षा क मामले पर पीएम मोदी (PM Modi) और सीएम योगी (CM Yogi) पर नाराजगी जताई.
चुन्नीलाल देवांगन/रायपुर। जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Shankaracharya Nischalananda Saraswati) इन दिनों अपने दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में है. रविवार को उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात खुलकर रखी. इस दौरान उन्होंने ईशा मसीह (Jesus Christ) को कट्टर वैष्णव बता दिया. इतना ही नहीं गौ हत्या और रक्षा के सवाल पर वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) पर भड़क गए. वहीं उन्होंने मुस्लिम और क्रिश्चन को भी मूल रूप से सनातनी बता दिया.
ईशा मसीह वैष्णव थे
हिंदू राष्ट्र में मुस्लिम और क्रिश्चन का क्या स्थान है के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबके पूर्वज सनातनी थे. ईसा जी की प्रतिमा रोम में है. प्रतिमा को ढ़ककर रखा गया है. पर्दा हट जाएगा तो वैष्णव तिलक से युक्त ईशा की प्रतिमा सामने आ जाएगी. ईशामसीह को सूली पर चढ़ा दिया गया. ईशा मसीह कट्टर वैष्णव थे.
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पीएम मोदी और योगी पर दिखाई नाराजगी
रायपुर में शंकरचार्य निश्चलानंद महराज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी दोनों हमारे परचित हैं. योगी आदित्यनाथ ने कहा था वैध बुचड़ खाने बने रहे और अवैध बंद हो जाएं. तो ये गौ हत्या का समर्थन हुआ या नहीं. देश में दो तरह के बुचड़ खाने है वैध और अवैध.
पीएम मोदी का जिक्र करते हुए निश्चलानंद ने कहा कि मोदी जी की बात करें तो वो सम्हाल गए हैं. शायद! उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहलवाया था गौ रक्षक गुंडे हैं. जिस देश का माननीय उच्चत्तम न्ययालय और प्रधानमंत्री गौ रक्षकों को गुंडे कह चुके हैं उनसे आप क्या आशा रखते हो. उनको पश्चयाताप है क्या? एक वैध बूचड़खाने बनाये रखना चाहते है और एक गौ रक्षकों को गुंडे कहते हैं.
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रामचरित मामले में क्या बोले?
रामचरित मानस मामले को लेकर निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि जो लोग टिप्पणी कर रहे है वो जानते है रामचरित मानस को. रामचरित लांछित होने योग्य नहीं है. राष्ट्रपति के पास जाकर निवेदन किया गया है कि इन पंक्तियों पर आपत्ति है. चाणक्य नीति का अध्ययन कीजिए. अर्थ न जानकर कोई संशोधन चाहता है वो अपनी नासमझी और मूर्खता को दूर करे.
साधुओं पर पर क्या बोले
आजकल साधु संत के चमत्कारों को लेकर उन्होंने कहा कि अगर वह लोगों को भटकने से बचाते हैं. भगवान से जोड़ लेते तो अच्छी बात है. हनुमान जी में जोड़ते हैं ना लोगों को भटकाने से बचा लेते हैं. इससे पहले उन्होंने कहा था कि शासन से गठबंधन करने वालों का हश्र आसाराम की तरह ही होगा.