खाद्य विभाग ने जिंदा महिला को बताया मृत, फिर उसी के कार्ड पर मुस्लिम परिवार को दिया राशन!
सूरजपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां एक पंडो जनजाति की महिला को खाद्य विभाग के द्वारा मृत घोषित कर दिया गया है. फिर उसी के कार्ड से किसी मुस्लिम परिवार को राशन देने का खेल शुरू कर दिया. अब विभाग ने अपनी गलती मानी है.
ओपी तिवारी/सूरजपुर: सूरजपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां एक पंडो जनजाति की महिला को खाद्य विभाग के द्वारा मृत घोषित कर दिया गया है. जिसकी वजह से अब उसे सरकारी राशन नहीं मिल पा रहा है. पीड़ित ने लगातार इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की बावजूद इसके इसे सरकारी राशन नहीं मिल सका. वहीं ज़ी मीडिया की पहल के बाद खाद्य विभाग के अधिकारी पीड़ित महिला का राशन कार्ड बनाने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं.
बता दें कि सूरजपुर जिले के धडसेडी गांव में रहने वाली महिला कलावती खाद्य विभाग के आंकड़ों में मर चुकी हैं. यही वजह है कि इसे खाद्य विभाग द्वारा सरकारी राशन नहीं दिया जा रहा है. कलावती विशेष जनजाति पंडो से आती हैं, जो कि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र भी कह जाते हैं.
मुस्लिम परिवार ले रहा अनाज
दरअसल पिछले कुछ सालों से महिला कलावती अपने राशन कार्ड से सरकारी राशन लिया करती थी, लेकिन इस महीने जब वह राशन के लिए शासकीय राशन दुकान पर गई तो उसे यह कहकर वापस लौटा दिया गया कि आपका राशन किसी और ने ले लिया है. जिसके बाद पीड़िता अपने पति के साथ शिकायत लेकर सूरजपुर खाद्य विभाग पहुंची. जहां खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उसे सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया है और उसका राशन कार्ड प्रतापपुर इलाके के एक मुस्लिम परिवार को एलॉट कर दिया गया है. इसलिए उसके कार्ड पर मुस्लिम परिवार द्वारा राशन का लाभ उठाया जा रहा है. पीड़ित के द्वारा लगातार फरियाद करने के बाद भी खाद्य विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
विभाग ने मानी गलती
वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर ज़ी मीडिया जिला खाद्य अधिकारी के पास पहुंचा तो उन्होंने अपनी गलती मानी और पीड़ित कलावती के राशन कार्ड बनाने और दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात कही है.
गौरतलब है कि सरकारी राशन वितरण प्रणाली में छत्तीसगढ़ पूरे देश का रोल मॉडल माना जाता है. ऐसे में खाद्य विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी राज्य सरकार के इस महत्वकांक्षी योजना पर पलीता लगाते दिख रहे हैं. ऐसे में जरूरत है दोषी अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए, ताकि कोई अन्य अधिकारी और कर्मचारी आगे ऐसी गलती ना करें