छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक ऐसी ग्राम पंचायत है, जहां पिछले पांच सालों में सात सरपंच बदले जा चुके हैं या यूं कहें की यहां सरपंच की अदला-बदली चल रही है. आप सोच रहे होंगे की भला ऐसा कैसे हो सकता है. लेकिन जशपुर जिले में आने वाली तिलड़ेगा ग्राम पंचायत में कुछ ऐसा ही हो रहा है. लेकिन बार-बार सरपंच बदले जाने से यहां के लोगों को गांव में सड़क बिजली पानी और मुफ्त राशन संबंधित मूलभूत सुविधाओं से जूझना पड़ रहा है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस वजह से पांच साल में बदले सात सरपंच 


दरअसल, 2020 में हुए छत्तीसगढ़ पंचायत चुनाव के दौरान तिलड़ेगा पंचायत में रायमुनी लकड़ा को सरपंच निर्वाचित किया गया था, उनके विरोध में चुनाव लड़ी प्रत्याशी इंदु सिदार ने रायमुनी लकड़ा के निर्वाचन को कोर्ट में चुनौती देते हुए पुनर्मतगणना के लिए तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व में निर्वाचन याचिका लगाई थी. उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने रायमुनी लकड़ा को हटाकर इंदु सिदार को ग्राम पंचायत का नया सरपंच बना दिया. 


जिसके कुछ महीनों के बाद रायमुनी लकड़ा ने भी कोर्ट का सहारा लिया और बतौर निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते कोर्ट से स्टे आर्डर लाकर फिर से सरपंच का पदभार ग्रहण कर लिया. लेकिन मामला यही नहीं थमा कुछ महीनों के बाद पत्थलगांव एसडीएम आकांक्षा त्रिपाठी ने फिर से इंदु सिदार को ग्राम पंचायत तिलड़ेगा का सरपंच दिया. इस तरह सरपंच बदले जाने की यह प्रक्रिया लगातार चलती रहा और अभी फिर से रायमुनी लकड़ा को ग्राम पंचायत तिलड़ेगा के सरपंच का पदभार दिया गया है, यानि इंदु सिदार को फिर से हटा दिया गया. जो कि 5 साल के भीतर यह उनका चौथा पदभार है, जबकि तीन बार इंदु सिदार सरपंच का पदभार ग्रहण कर चुकी हैं. इस तरह ग्राम पंचायत तिलड़ेगा में 7 बार सरपंच बदले जा चुके हैं. 


ये भी पढ़ेंः छत्तीसगढ़ में दिवाली से पहले कर्मचारियों को मिला गिफ्ट, डीए बढ़ा, एरियर भी मिलेगा


विकास कार्यों पर हो रहा असर 


अब सरपंच की अदला बदली का आलम यह है कि ग्राम पंचायत तिलड़ेगा के विकास कार्यों को गति नहीं मिल रही है, जिससे गांव के लोग भी काफी परेशान हैं. वहीं पंचायत के वर्तमान सरपंच रायमुनी लकड़ा ने कहा कि उन्हें जनता से किये वादों को पूरा करने का पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है. हालांकि पंचायत सचिव ने कहा है कि लगातार सरपंच बदले जाने से गांव के विकास कार्यों में कोई खास अंतर नहीं आया है. वहीं जनपद पंचायत के सीईओ पवन पटेल ने कहा है कि यदि 5 साल के भीतर किसी भी पंचायत में लगातार सरपंच बदले जाते रहेंगे तो निश्चित तौर पर विकासकार्य प्रभावित होते हैं. यानि प्रशासन के दावों में भी अंतर दिख रहा है. 


सोचने वाली बात यह है कि पिछले पांच सालों में जिस पंचायत में सरपंच स्थायी ही नहीं रह पा रहा होगा, वहां कैसे विकास कार्य हो रहे होंगे. लेकिन सरपंचों की इस अदला-बदली की वजह से छत्तीसगढ़ की यह पंचायत जरूर चर्चा का विषय बन गई है.


ये भी पढ़ेंः इस बच्ची के जन्म को माना जा रहा चमत्कार, अस्पताल में हाथ जोड़कर देखने वालों की भीड़


मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश  की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!