हिदेश शर्मा/दुर्गः छत्तीसगढ़ का सबसे वीवीआइपी जिला दुर्ग (VVIP District Durg) जहां हादसे भी उतनी ही तेजी से होते हैं, क्योंकि तेज रफ्तार और ट्रैफिक नियमों (traffic rules) की अनदेखी जब-जब कि जाती है, तब-तब ट्रैफिक पुलिस सड़कों पर उतरकर चालानी कार्रवाई करती है. चालानी कार्रवाई से सरकार को राजस्व भी मिलता है, तो वहीं वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का भी पालन करते हैं.


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इस चलानी कार्रवाई के अंतर्गत तमाम ट्रैफिक रूल्स जैसे गाड़ी के कागजात हेलमेट फोर व्हीलर के लिए सीट बेल्ट जैसे सभी अति आवश्यक नियम होते हैं. जिसे तोड़ने पर ट्रैफिक रूल्स के अंतर्गत चालानी कार्रवाई भी होती है.


महानगरों की तरह दुर्ग में लगेगा हाईटेक सिग्नल
बड़े-बड़े महानगरों की तर्ज पर अब दुर्ग में भी हाईटेक सिग्नल आ चुके हैं. यह हाईटेक पोर्टेबल सिग्नल पूरी तरह से हादसों को रोकने में भी काम करेंगे तो वहीं आम जनता को भी ट्रैफिक सन समझने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. दुर्ग जिले की ट्रैफिक पुलिस पूरी तरह हाईटेक होने जा रही है. धीरे-धीरे हाईटेक सुविधाओं से लैस होने के बाद अब पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल की बारी है.


आपको बता दें कि शहर के कई इलाकों में बड़े-बड़े खंभों में लगाकर सिग्नल लगाए जाते हैं. जहां सिग्नल नहीं है. वहां मैनुअली ट्रैफिक संचालित किया जाता है. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि जहां सिग्नल लगे हैं, वहां रख रखाव नहीं होने की वजह से यह सिग्नल समय के पहले खराब हो जाते हैं. सिग्नल की खराबी के कारण कई बार गंभीर हादसे भी हो जाते हैं तो कई लोगों की जान भी चली जाती है. 


अब इसी का तोड़ निकालते हुए दुर्ग पुलिस को पुलिस मुख्यालय से पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल प्राप्त हुए हैं. यह सोलर और इलेक्ट्रिकल दोनों से ही संचालित होंगे. यह एक ऐसा डिवाइस है, जो किसी भी स्थान पर लगाया जा सकेगा. ऐसे स्थानों पर लगाए जाएंगे, जहां स्थाई रूप से सिग्नल की जरूरत नहीं है, वहां पर पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल लगाकर ट्रैफिक को मेंटेन किया जा सकेगा. 


जानिए क्या कहा ट्रैफिक अधिकारी ने
ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया कि दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ का ऐसा जिला है, जहां सबसे ज्यादा ट्रैफिक पुलिस को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में ट्रैफिक पुलिस के द्वारा पोर्टेबल ट्रैफिक सिग्नल लगाया जा सकेगा. जिससे हादसे भी नहीं होंगे और ट्रैफिक भी सुचारू रूप से संचालित किया जा सकेगा. 


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