Chhattisgarh News: विश्व की सबसे ऊंची चोटी मांउट एवरेस्ट पर चढ़ने का सपना हर पर्वतारोही का रहता है. इस सपने को साकार करके दिखाया छत्तीसगढ़ के रायगढ़ (Raigarh)की रहने वाली याशी जैन (Yashi Jain)ने, उन्होंने केवल 45 दिन में ये सफर करके सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount everest) पर तिरंगा फहराया है और जिले और प्रदेश का नाम रोशन किया है. उनकी इस सफलता पर सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने उन्हें बधाई दी है.


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फतह कर चुकी हैं ये चोटियां
ये सफलता हासिल करने से पहले याशी जैन दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट अकंकागुआ (6961 मीटर) , अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटीमाउंट किलिमंजारो (5896 मीटर) ,लोबुचे ईस्ट पीक (6119 मी) ,आईलैंड पीक नेपाल (6189 मी) ,,माउंट एल्ब्रस (5642 मीटर), यूरोप की सबसे ऊंची चोटी, हिमालयी क्षेत्र में माऊंट जोगिन 3 चोटी (6116 मीटर) जैसे पहाड़ों में छत्तीसगढ़ का परचम लहराया है.


पहला प्रयास था असफल
बीते दो साल पहले यानि 2021 में याशी ने माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए पूरी तैयारी की थी और एवरेस्ट फतह करने के लिए बेस कैंप से लगभग 8000 मीटर की चढ़ाई भी कर चुकी थी, लेकिन बदलते मौसम और तबीयत बिगड़ने के कारण माउंट एवरेस्ट पर  चढ़ने के लिए आगे का सफर करने में नाकाम रही थी. यानि की उनका प्रयास असफल हो गया था.


 



 


कर दिया कारनामा
दो साल पहले प्रयास असफल होने के बाद भी याशी ने हार नहीं मानी और इस साल लगभग 45 दिनों के अंदर ही विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करके अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करवा कर अपना और छत्तीसगढ़ का परचम लहराने में सफलता हासिल की है. बता दें कि एवरेस्ट फतह करने के लिए याशी ने कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. 


उनके पिता अखिलेश जैन एक सामान्य मिडिल क्लास परिवार से है और  निजी बैंक में कार्यरत है. कहा जा रहा है उन्होंने बेटी को सफल पर्वतारोही बनने के सपनों को पूरा करने के लिए दिन और रात मेहनत किया है. साथ ही साथ उनके पिता ने शहरवासियों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी, जिस पर कई सामाजिक संगठनों और शासकीय अधिकारियों ने इस मुहिम के लिए आर्थिक सहायता राशि दी थी. जिसके परिणाम स्वरूप यासी जैन ने आज फिर एवरेस्ट फतह कर रायगढ़ वासियों और छत्तीसगढ़ के लोगों को एक गौरव का पल दिया है. इस पर सीएम बघेल ने भी बधाई दी है.