ढाई-ढाई साल के फार्मूले को लेकर CM भूपेश बघेल का बड़ा बयान- आलाकमान कहे तो अभी इस्तीफा दे दूंगा..
एक तरफ छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को दो साल पूरे होने जा रहे हैं. वही प्रदेश की सियासत में मुख्यमंत्री बदले जाने की चर्चा भी तेज हो गयी है.
रायपुरः 17 दिसंबर को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को 2 साल पूरे हो रहे हैं. लेकिन इस बीच सीएम भूपेश बघेल(Bhupesh Baghel)और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बयानों से प्रदेश की सियासत में ढाई-ढाई साल के सीएम फॉर्मूले की चर्चाओं ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. सीएम बघेल का कहना है कि है अगर आलाकमान उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहता है तो वह तुरंत इस्तीफा दे देंगे. वहीं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव(TS Singhdev) ने भी जीएमपीसीजी (ZEEMPCG) से बात करते हुए कहा कि राजनीति में कुछ स्थायी नहीं होता यहां सभावनाएं बनी रहती हैं.
आलाकमान का हर निर्देश मानूंगाः CM बघेल
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अगर आलाकमान उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहता है तो वह अभी इस्तीफा देंगे, उन्हें सीएम पद का मोह नहीं है. लेकिन आलाकमान की तरफ से इस तरह की कोई भी चर्चा अभी तक नहीं हुई है. जो इस तरह की बातों को हवा दे रहे हैं, उन्हें देश और प्रदेश के विकास से दिक्कत है. लेकिन वह आलाकमान का हर निर्देश मानने के लिए तैयार है.
सिंहदेव के दिल्ली दौरे से चर्चाओं का बाजार गर्म
दूसरी तरफ टीएस सिंहदेव के दिल्ली दौरे से भी चर्चाओं का बाजार गर्म है. इस दौरान उन्होंने जीएमपीसीजी(ZEEMPCG) से फोन पर बात करते हुए ढाई-ढाई साल के सीएम फार्मूले पर कहा कि इस तरह के निर्णय 'समय और परिस्थिति के हिसाब से हाईकमान करता है. क्योंकि राजनीति में कुछ स्थायी नहीं होता. उन्होंने कहा कि हाईकमान ने उन्हें सीएम भूपेश बघेल, चरदास महंत और ताम्रध्वज साहू को एक साथ दिल्ली बुलाया था. लेकिन बातचीत सभी से अलग-अलग हुई थी. इसलिए अलाकमान के मन में क्या चल रहा है इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन अभी तो सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं इसलिए हमने जो काम किया है उसे जनता तक पहुंचाने का काम हम कर रहे हैं. खास बात यह है कि टीएस सिंहदेव ने बातचीत में कही भी इस बाद से भी इंकार नहीं किया कि प्रदेश में ढाई-ढाई साल के सीएम का फार्मूला नहीं है.
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क्यों उठा ढाई-ढाई साल के सीएम फॉर्मूले का मुद्दा
इस संबंध में पार्टी की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ये चर्चा रही है कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भूपेश बघेल के सीएम बनाये जाने के लिए इसी शर्त पर तैयार हुए थे कि ढाई साल बाद सीएम पद की कमान उन्हें मिलेगी.
सिंहदेव के बंगले पर पहुंचे थे कांग्रेस के नेता
इस बीच बीते दिनों छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित कई मंत्री और विधायक टीएस सिंहदेव के बंगले पर आयोजित डिनर में पहुंचे थे. उस वक्त भी इस तरह की चर्चाएं चल रही थी कि टीएस सिंहदेव नाराज हैं. जिससे प्रदेश के सभी बड़े नेता उनसे बातचीत करने के लिए पहुंचे थे. हालांकि सभी नेताओं ने इसे औपचारिक मुलाकात भर बताया था.
निगम मंडल में हुई नियुक्तियों से नाराज हैं सिंहदेव
बताया जा रहा है कि टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ में हुई निगम मंडल की नियुक्तियों में अपने समर्थकों की अनदेखी से नाराज है. इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए हुए उन्होंने कहा भी था कि संघर्ष के दिनों में कांग्रेस के जिन नेताओं ने पार्टी का साथ दिया था आज उनकी अनदेखी की जा रही है. जबकि नए लोगों को मौका दिया जा रहा है. सिंहदेव के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत में हलचल मच गयी थी. जिस पर बीजेपी ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. पूर्व सीएम रमन ने सिंह ने कहा था कि सिंहदेव राजा है वे कभी झूठ नहीं बोलते.
सीएम के दावेदार थे सिंहदेव
दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में टीएस सिंहदेव की अहम भूमिका रही थी. नेता प्रतिपक्ष रहते हुए उन्होंने पूरे प्रदेश में यात्राएं करके विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. टीएस सिंहदेव ने विधानसभा चुनाव में पूरी मेहनत की और पार्टी का अच्छी सफलता मिली. जिसके आधार पर उन्हें सीएम पद का दावेदार भी माना जा रहा था. लेकिन पार्टी ने उस वक्त प्रदेश अध्यक्ष रहे भूपेश बघेल को सीएम बनाया. सूत्रों के अनुसार उस वक्त टीएस सिंहदेव ने सरकार में वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी चाहते थे. लेकिन उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया. जिसके बाद से ही उनके नाराजगी की खबरें समय-समय पर आती रहती है. टीएस सिंहदेव पहले भी कई बार कह चुके हैं कि पहले सीएम दो दिन के भी रहे हैं और 10 साल के भी. दोनों नेताओं के इस तरह के बयानों से प्रदेश की सियासत में अचानक से ढाई-ढाई साल के सीएम फार्मूले की चर्चाओं ने फिर जोर पकड़ लिया है.
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