रायपुर/रजनी ठाकुरः :छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार राज्य की बंद पड़ी खदानों से राजस्व कमाने की योजना बना रही है. दरअसल सरकार की योजना है कि बंद पड़ी खदानों को जल संरक्षण के स्त्रोत के रूप में विकसित किया जाए. जिसके बाद इनमें मछली पालन, बोटिंग, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट जैसी गतिविधियां शुरू करने की सरकार की योजना है. 


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इससे रोजगार और आजीविका के साधन तैयार होंगे. साथ ही सरकार को राजस्व भी मिलेगा. सीएम भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को इस संबंध में दिशा निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को एक महीने में इसकी कार्ययोजना तैयार करने को कहा है. 


सीएम ने कहा है कि बंद पड़ी खदानों में आजीविका के साधन विकसित करने के लिए मनरेगा, डीएमएफ, सीएसआर, पर्यावरण एवं अधोसंरचना मद सहित विभागीय योजनाओं की मदद ली जाए.


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सीएम ने कहा कि राज्य में दशकों से कोयला, लौह अयस्क, बाक्साइट, डोलोमाइट, लाईम स्टोन, मुरूम, गिट्टी इत्यादि के खनन के बाद कई साइट पर खदानें बंद पड़ी हैं. ये खनन स्थल उपेक्षित हैं और आए दिन जान-माल के नुकसान का कारण भी बन रहे हैं. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने इन बंद पड़ी खदानों का जीर्णोद्धार कर इन्हें फिर से इस्तेमाल करने की योजना बनायी है. सीएम बघेल ने आज बजट तैयारियों का भी जायजा लिया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. 


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