रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है. इसमें जहां उन्होंने मोदी की सरकार की योजनाओं की तारीफ भी और प्रदेश के लिए कुछ मदद भी मांगी. 


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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में 21 मार्च से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया है. इससे राज्य में कोरोना पीड़ितों की संख्या सीमित रखने में सहायता मिली है. राज्य में 29 तारीख तक इस महामारी से सिर्फ 7 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं. एम्स रायपुर का अमला और राज्य शासन के सभी अधिकारी आपदा के इस समय में आम जनता को सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पूरी मुस्तैदी के साछ तैनात हैं. किन्तु लॉकडाउन से धीरे-धीरे राज्य की जनसंख्या के बड़े भाग को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.


 मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 मार्च को केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा आमजन को सहायता पहुंचाने के लिए की गई घोषणाएं सराहनीय है, जिसमें समाज के बड़े तबके को राहत मिली है. केन्द्र सरकार द्वारा की गयी सकारात्मक पहल को निरंतर जारी रखने की आवश्यकता है, क्योंकि अभी भी समाज का एक बड़ा वर्ग उन घोषणाओं से लाभ प्राप्त करने में वंचित है.


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विशेषतौर पर ''मनरेगा'' योजना के तहत आने वाले भूमिहीन मजदूर और असंगठित क्षेत्र के कामगार, वर्तमान परिस्थितियों में इनका जीवन-यापन दूभर होना तय है. इसलिए मनरेगा एवं असंगठित क्षेत्र के कामगारों को आगामी तीन माह तक प्रतिमाह एक हजार की राशि उनके खातों में डाली जाए. सभी जन-धन खाता धारकों को 750 रुपये प्रतिमाह की राशि आगामी 3 माह तक उनके खातों में डाली जाए. इसमें महिला, पुरुष, जीरो बैलेन्स और अप्रचलित खाते सभी शामिल हों.


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 सीएम बघेल ने इसके साथ ही संगठित क्षेत्र के सभी कामगारों जिन्हें 15 हजार प्रतिमाह से कम राशि मिलती है उनकी भविष्य निधि की संपूर्ण राशि आगामी तीन माह तक केंद्र सरकार द्वारा वहन करने और उसमें किसी भी तरह की पूर्व शर्त न रखने का अनुरोध किया है.


 सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को लिखा है कि अगर इन सुझाव के अनुरूप स्वीकृति दी जाती है तो हम कोरोना के खिलाफ छेड़ी गई जंग जीतने में सफल हो सकते है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो लाखों परिवारों के लिए जीवन का संकट उत्पन्न हो सकता है.