भोपाल, (अजय शर्मा): एक दिन में दो बड़े निर्णय लिए जाने के बाद अब मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और कमलनाथ सरकार के बीच टकराव शुरू हो गया है. जानकारी के मुताबिक, संघ के वैचारिक आयोजन के लिए किराए पर लिया गया ऑडिटोरियम की अनुमति, आयोजन के एक दिन पहले ही रद्द करने और माखन लाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश उपासने पर दबाव डाल इस्तीफा दिलवाने पर संघ बिफर उठा है. मध्य भारत प्रांत के सह संयोजक दीपक शर्मा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये कांग्रेस का चरित्र है कांग्रेस इसी तरह बदले की भावना से काम करती है. 


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दोनों बड़े फैसले लिए जाने के बाद आएसएस में रोष है. दीपक शर्मा ने कहा कि वो प्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की करेंगे. उन्होंने कहा कि हर मोर्चे पर सरकार का विरोध करेंगे. दरअसल, भोपाल के एपेक्स बैंक ऑडिटोरियम में आरएसएस की किताब "कृति रूप संघ दर्शन'' का विमोचन होना था. लेकिन बैंक प्रबंधन ने इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया. संघ का आरोप है कि बैंक प्रबंधन ने अपने ऑडिटोरियम में होने वाले इस कार्यक्रम को राज्य सरकार के दबाव के चलते रद्द किया है. बाद में यह कार्यक्रम शहर के मानस भवन में आयोजित हुआ.


वहीं, संघ के वैचारिक आयोजन के लिए किराए पर लिया गया ऑडिटोरियम की अनुमति को रद्द करने पर पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि ये कांग्रेस की ओछी मानसिकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने घोषणापत्र में कही गई दूसरी बातों पर काम करने चाहिए, नाकि ऐसी दमनकारी नीति के तहत काम करना चाहिए. 


वहीं, माखन लाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश उपासने ने खुद इस्तीफे पर कमलनाथ सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि उपासने ने खुद इस्तीफा दिया है कांग्रेस किसी दमनकारी नीति के तहत काम नहीं करती है. आपको बता दें कि भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश उपासने से गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. प्रदेश में सरकार बदलने के बाद से ही विश्वविद्यालय में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना जताई जा रही थी.