ग्वालियर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की कुर्सी मिलना लगभग तय हो गया है. इस खबर की घोषणा 29 अप्रैल को दिल्ली में आयोजित होने वाली जन आक्रोश रैली के बाद की जा सकती है.  खबरों के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कमलनाथ की नियुक्ति को लेकर अपनी सहमति दे दी है. सिंधिया को कमलनाथ के साथ चुनाव अभियान समिति का जिम्मा दिया जा सकता है. राहुल गांधी के कर्नाटक चुनाव में व्यस्त होने के कारण दिल्ली की रैली के चलते अंतिम निर्णय टल रहा है. पिछले दिनों जबलपुर में हुई प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान कमलनाथ ने अध्‍यक्ष की घोषणा पर कहा था कि कुछ देर और इंतजार कीजिये.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसके बाद कांग्रेस के गलियारों में इस बदलाव की चर्चाएं गर्म होने लगी हैं. कांग्रेस नेता भी मान रहे हैं कि कमलनाथ के इस तरह के बयान से ये साफ हो गया है कि बदलाव होने वाला है. 


वहीं बीजेपी को कमलनाथ में कोई दम नजर नहीं आता है. बीजेपी का मानना है कि कमलनाथ एकउम्रदराज नेता हैं और छिंदवाड़ा तक सीमित हैं. दूसरी तरफ अरुण यादव द्वारा परिवर्तन की खबरों को निराधार बताए जाने से कांग्रेस में असमंजस की स्थिति बन गई है. अब कांग्रेसियों को दिल्ली की रैली का इंतजार है ताकि कांग्रेस में स्थिति साफ हो सके. चूंकि कमलनाथ हरियाणा के प्रभारी महासचिव भी हैं और दिल्ली की रैली में सामान्य तौर पर हरियाणा की भागीदारी बढ़चढ़ कर होती है. इस वजह कमलनाथ भी फिलहाल रैली की तैयारी में व्यस्त हैं.


कमलनाथ ने बीजेपी पर साधा निशाना 
कमलनाथ ने किसानों और महिला अत्याचार को लेकर भी मध्‍यप्रदेश की सरकार सवाल करते हुए कहा कि महिला अत्याचार में एमपी नंबर वन है. कमलनाथ ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार ने 4 साल पहले विदेशों से काला धन वापस लाने की बात कर रही थी, जिसमें वो असफल रही. इसी बीच आपको बता दें कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाया जा सकता है. पिछले दिनों छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ ने कहा था कि एमपी में अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम फेस के रूप में आगे किया जाता है तो वह इसका स्वागत करेंगे.