भोपाल: कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक साल से ज्यादा का समय हो गया है. लेकिन उनके जाने का गम कांग्रेस भूल नहीं पा रही है. इसी को लेकर बीते दिनों राहुल गांधी ने कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठ सकते, इसके लिए उन्हें वापस कांग्रेस में लौटना पड़ेगा. चाहे मुझसे लिखकर ले लो. 


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राहुल गांधी के बयान पर बोले सिंधिया- मेरी इतनी चिंता पहले कर लेते तो स्थिति कुछ और होती


पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान पर भाजपा राज्यसभा सांसद सिंधिया ने प्रतिक्रिया दी थी. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ''जब मैं कांग्रेस में था, यदि राहुल गांधी मुझे लेकर इतने ही गंभीर होते जितना अभी हैं, तो स्थिति अलग होती.''  सिंधिया के इसी बयान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने पलटवार किया है.


मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा,''सिंधिया को कांग्रेस ने सब दिया. कांग्रेस में रहते हुए वे 17 साल सांसद रहे, 2 बार केंद्रीय मंत्री बने, मुख्य सचेतक बने, राष्ट्रीय महासचिव बने, यूपी के प्रभारी बने, कार्यसमिति सदस्य बने, चुनाव अभियान प्रमुख बने, 50+ टिकट व 9 मंत्री दिए.. और कितनी चिंता करते...'' लेकिन भाजपा में बैकबेंचर ही उनके लिए सम्मान है?



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आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले साल मार्च में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने कांग्रेस में अपनी अवहेलना का आरोप लगाया. उनके साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी कमलनाथ सरकार का साथ छोड़ दिया था. इन सभी ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था और सिंधिया के साथ भाजपा में आ गए थे. 


जिसकी वजह से कमलनाथ की सरकार अल्पमत में आकर गिर गई और शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च 2020 को चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था. सिंधिया जून 2020 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए. अब वह खुद को बीजेपी का समर्पित सिपाही बताते हैं. बीते नवंबर में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने 19 सीटें जीतकर मध्य प्रदेश विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है.


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