नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 68 सीटें जीतकर 15 वर्षों बाद सत्ता में वापसी की है. कांग्रेस के इस शानदार प्रदर्शन एवं इससे जुड़े कुछ अन्य मुद्दों पर पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी एल पुनिया से पेश हैं 'भाषा' के पांच सवाल: 


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प्रश्न : क्या आप लोगों को इतनी बड़ी जीत का अंदाजा था? 
उत्तर : निश्चित तौर पर यह जीत बहुत बड़ी और ऐतिहासिक है. इसका अंदाजा हमें पहले हो गया था कि जनता कांग्रेस को बड़ा बहुमत देने जा रही है. हर वर्ग ने खासकर किसानों नौजवानों, आदिवासी, अनुसूचित जाति और छोटे दुकानदारों ने भरपूर समर्थन दिया. किसानों ने तो धान बेचना बन्द कर दिया था और वे नई सरकार का इंतजार कर रहे थे. यही चुनाव से पहले का एक्जिट पोल था कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बन रही है.


प्रश्न : फिर राजनीतिक पंडितों एवं मीडिया को ऐसी जीत का किसी तरह का आभास पहले से क्यों नहीं हुआ? 
उत्तर : छत्तीसगढ़ छोटा राज्य है और लोग रमन सिंह को एक चेहरे के तौर पर देख रहे थे। लेकिन यह एक भ्रम था. दिल्ली में बैठे विशेषज्ञों को पता नहीं था कि रमन सिंह और उनके पुत्र के भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त थी. लोगों को अंदाजा नहीं था कि जनता ने मन बना लिया था कि परिवर्तन करना है. लोगों में यह जुनून था कि किसी भी सूरत में परिवर्तन करना है.


प्रश्न : बसपा और अजीत जोगी की पार्टी के गठबंधन से कांग्रेस को नुकसान क्यों नहीं हुआ, जैसा कि कुछ लोगों का अंदेशा था? 
उत्तर : लोगों ने निर्णय लिया था कि परिवर्तन करना है. जब यह गठबंधन बना तो लोगों को लगा कि यह गठबंधन भाजपा को बचाने के लिए बना है और उसी दिन जोगी और बसपा की विश्वसनीयता शून्य हो गई. इनकी नीयत पर सवाल खड़ा हुआ इसी वजह से लोगों ने इन्हें खारिज कर दिया. वैसे, जोगी अब राजनीतिक रूप से पूरी तरह अप्रासंगिक हो गए.


प्रश्न : क्या लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस इसी तरह का प्रदर्शन कर पाएगी? 
उत्तर : विधानसभा चुनाव के हिसाब से हम लोकसभा की सारी सीटें जीत रहे हैं. लोकसभा चुनाव में कुछ महीने बचे हैं. अब हमारी सरकार भी वादों के मुताबिक काम करेगी. आप देखेंगे कि लोकसभा चुनाव में हम राज्य की सभी सीटें जीतेंगे.


प्रश्न : किसानों को कर्जमाफी के लिए कितने दिनों का इंतजार करना होगा?
उत्तर : राहुल गांधी और कांग्रेस ने वादा किया है कि सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा. इसलिए कैबिनेट का पहला फैसला यही होगा.