कांग्रेस ने उठाया मतदाता सूची में गड़बड़ी का मामला, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
मध्यप्रदेश कांग्रेस में नवगठित विभिन्न चुनाव समितियों ने अपना काम शुरू कर दिया है.
नई दिल्ली/भोपाल: मध्यप्रदेश कांग्रेस में नवगठित विभिन्न चुनाव समितियों ने अपना काम शुरू कर दिया है. चुनाव रणनीति एवं योजना समिति के पदाधिकारियों ने गुरुवार को मतदाता सूची में गड़बड़ी, फर्जी और अपात्र मतदाताओं सहित अन्य शिकायतों को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह से मुलाकात की. कांग्रेस की चुनाव रणनीति एवं योजना समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मतदाता सूचियों की गलतियों को दूर करने की मांग करते हुए ज्ञापन भी दिया. निर्वाचन आयोग के नाम दिए गए ज्ञापन में कांग्रेस ने प्रदेश की मतदाता सूची में अनियमितता को दूर करने की मांग की है. कांग्रेस ने दावा किया है कि कई जगहों पर एक मतदाता का नाम एक से ज्यादा मतदाता सूची में दर्ज है. प्रमाण के लिए कांग्रेस की ओर से निर्वाचन आयोग को एक सीडी भी सौंपी गई है.
कांग्रेस ने ज्ञापन में एमपी विधामसभा चुनाव 2018 के विषय में कहा है कि मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के बाद जनवरी 2018 में जो मतदाता सूचियां जारी हुई है, उनमें कई गड़बड़ियां हैं. कांग्रेस ने दावा किया है कि प्रत्येक विधानसभा में 20 हजार से अधिक मतदाता फर्जी, मृत और अपात्र हैं. ज्ञापन में होशंगाबाद विधानसभा के सिवनी मालवा, सोहागपुर, पिपरिया, उदयपुरा, गाडरवारा, नरसिंहपुर, तेंदूखेड़ा और रायसेन जिले की भोजपुर विधानसभा की मतदाता सूचियों में अनियमितताएं होने की बात कही गई है. कांग्रेस चुनाव रणनीति एवं योजना समिति ने प्रमाण के रुप में सारा डेटा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह को सीडी के रूप में दिया. कांग्रेस की ओर मांग की गई है कि चुनावों से पहले मतदाता सूचियों की गड़बड़ियां दूर की जाए.
गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व ही मध्य प्रदेश के शिवपुरी में फर्जी मतदाता बनाए जाने का बड़ा खुलासा हुआ था. यहां लगभग 60,000 फर्जी मतदाता पाए गए थे, जिनमें से लगभग 21,000 तो ऐसे हैं, जिनकी वर्षो पहले मौत हो चुकी थी. निर्वाचन अधिकारी ने इन मतदाताओं को संदिग्ध बताया था और सूची सही किए जाने की बात कही थी. इस फर्जी सूची में जिले की पांच विधानसभा सीटों में 59,517 वोटर फर्जी पाए जाने के बाद करीब 24992 वोटरों के नाम सूची से काट दिए गए थे. इसमें से मृत 20,886 मतदाताओं में से 14901 मतदाताओं के नाम सूची में से हटाए गए हैं.