भोपाल: कोरोना वायरस का खौफ गांव में भी पसर गया है. हालत यह है कि ग्रामीणों ने पशुओं को भी कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए मास्क पहना दिए हैं. मामला भोपाल के पास सीहोर जिले के चंदेरी गांव का है, जहां खौफ के चलते बैलों को भी मास्क पहनकर घर से बाहर निकाला जा रहा है.


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गांव के किसान एमएस मेवाडा, हरिप्रसाद मेवाडा, प्रकाश मेवाडा ने अपने बैलों-भैसों को भी कपड़े के मास्क पहना दिए हैं. इस वजह के पीछे वे बताते हैं, ''कोरोनावायरस मनुष्य में फैल सकता है तो पशुओं में भी उसके संक्रमण का खतरा है. उनके पशु भी सर्दी जुखाम की चपेट में आते हैं. ऐसे में यदि कोरोना का संक्रमण हुआ तो उनके पशुओं के जरिए यह खतरनाक जानलेवा बीमारी उनके घर तक पहुंच सकती है. इसीलिए एहतियातन कपड़े के मास्क पशुओं के मुंह पर भी लगा दिए गए हैं.'' एमएस मेवाड़ा कहते हैं कि उनकी देखा-देखी अब गांव के दूसरे किसान भी अपने पशुओं को मास्क पहना रहे हैं.


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एक अन्य किसान हरिप्रसाद मेवाड़ा कहते हैं कि हम लोग बार-बार हाथ धो रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने भी 21 दिन घर रहने की अपील की है, लेकिन इस वक्त गेहूं और चने की कटाई का काम चल रहा है, हम लोग सावधानीपूर्वक अपने खेतों में जाते हैं. खुद भी मास्क पहनते हैं और बीमारी से बचाने के लिए अपने बैलों को भी मास्क लगा रहे हैं. प्रकाश मेवाड़ा कहते हैं कि इससे पहले भी पशुओं में संक्रमण के वक्त इस तरह की तरकीब अपनाई गई थी, हमारे बुजुर्ग भी ऐसा ही किया करते थे, लेकिन अब हम भी कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए अपने पशुओं की सुरक्षा कर रहे हैं.


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हालांकि इस मामले में वेटरनरी डॉक्टर अलग ही दलील देते हैं. डॉक्टर एचबीएस भदौरिया कहते हैं कि यह बीमारी पशुओं में कम्युनिकेबल नहीं है. कोरोना केवल मनुष्य से मनुष्यों के बीच ही संक्रमण कर सकता है. पशु इससे पूरी तरह सुरक्षित हैं, इसीलिए बैलों को किसी तरह मास्क लगाने की जरूरत नहीं है.