Jabalpur News:प्रमोद शर्मा/भोपाल। मध्य प्रदेश की संस्कारधानी में IAS अधिकारियों द्वारा आदिवासियों के साथ बड़े धोखे का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है 3 IAS अधिकारियों ने फर्जी तरीके से आदिवासियों की करीब 500 करोड़ रुपये की जमीन बेच दी. ये सभी मलाई दार पदों पर तैनात हैं. हालांकि, मामला सामने आने के बाद सभी 3 IAS अफसरों के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया गया है. इनके खिलाफ पद के दुरुपयोग का भी केस दर्ज किया गया है.


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इन 3 अधिकारियों के खिलाफ मामला
मामले में लोकायुक्त ने 3 आईएएस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसमें आईएएस अफसर दीपक सिंह, ओमप्रकाश श्रीवास्तव, बसंत कुर्रे शामिल हैं. इन अफसरों ने साल 2007 से 2012 के बीच जबलपुर जिले में पदस्थ रहते हुए आदिवासियों की जमीनें हेरफेर कर बेची थी.


जमीन हस्तांतरण के इस मामले में चारों अफसरों ने कानून के उल्लंघन के साथ-साथ पद का दुरुपयोग किया. मध्य प्रदेश लैंड रेवेन्यू कोड की धारा 165 का खुला उल्लंघन कर यह जमीनें बेची गयी. ज्यादातर जमीनों को एक परिवार ने खरीदी है.


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50 हेक्टेयर जमीनों में हेरफेर
कुल 13 मामलों में करीब 50 हेक्टेयर से अधिक जमीनों का हस्तांतरण गैर आदिवासियों के नाम किया गया. मामले का खुलासा 2013 से 2015 के बीच हुआ था. 13 फरवरी 2023 को जांच रिपोर्ट लोकायुक्त को सौंपी गई. जिसमें इस पूरे कांड को एक सुनियोजित षडयंत्र और सामूहिक भ्रष्टाचार माना गया.


क्या है मामला?
मामले में लोकायुक्त की जांच के बाद पता चला कि 2007 से 2012 के बीच जबलपुर कटनी में IAS अफसरों ने आदिवासियों की जमीन को सामान्य वर्ग को बेचने की अनुमति दी थी. जो भू-राजस्व संहिता का उल्लंघन है. इस कारण अधिकारियों के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने का मामला भी दर्ज किया गया है. लोकायुक्त पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई के लिए निष्कर्ष अदालत में पेश करेगी. 


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