नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 12 नवंबर को भारी सुरक्षा के बीच पूरा हुआ. इस चुनाव में लगभग 70 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया. इसी बीच दंतेवाड़ा में नक्सली धमकियों के बीच भी लोग वहां वोट डालने पहुंचे. दंतेवाड़ा के मडेंडा गांव के लोगों को नक्सलियों ने धमकी दी थी कि अगर उनकी अंगुली पर स्याही के निशान देखे जाते हैं तो वे उन्हें काट देंगे. खतरे के बावजूद 263 मतदाता वोट डालने के लिए मतदाता सेंटर पहुंचे. 


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ANI के मुताबिक, दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने मतदान को बाधित करने के लिए बारूदी सुरंग में विस्फोट किया. विस्फोट में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान होने के कारण सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए तथा सुरक्षा बल के लगभग सवा लाख जवानों को तैनात किया गया. पहले चरण में 18 सीटों पर मतदान हुआ. 


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दंतेवाड़ा सर्वाधिक नक्‍सल प्रभावित क्षेत्र है. यहां के किडरीरास में नक्‍सलियों ने चुनाव का बहिष्‍कार किया था और लोगों से वोट न डालने की चेतावनी दी थी. नक्सल प्रभावित अन्‍य इलाकों में भी मतदाताओं के बीच उत्‍साह देखने को मिला. कुन्ना, कुन्दनपाल, आरगट्टा जैसे इलाकों में मतदान केंद्र में मतदाताओं की लंबी कतारें लगीं. यहां प्रशासन की ओर से नक्‍सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे स्वीप अभियान का असर बड़े स्‍तर पर देखने को मिल रहा है. 


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नक्‍सल प्रभावित सुकमा के दोरनापल के एक मतदान केंद्र में 100 वर्षीय बुजुर्ग महिला भी खुद चलकर मतदान करने आईं. इससे वहां मौजूद अन्‍य मतदाताओं में भी उत्‍साह बढ़ गया. छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे.