ग्वालियरः मानसून दस्तक देने को है और ग्वालियर में अभी तक नालों की सफाई शुरू नहीं हो सकी है. ऐसे में बार-बार नगर निगम पर सवाल उठ रहे हैं, कि क्या जब तक बारिश के दौरान घरों में पानी नहीं घुसेगा, तब तक नगर निगम सोता ही रहेगा. बता दें शहर में नाला सफाई अभियान अभी तक शुरू नहीं हुआ है, जिससे लोग बार-बार नगर निगम से गुहार लगा चुके हैं कि बारिश से पहले यह नाले साफ करवा दिए जाएं ताकि बारिश में होने वाली परेशानियों से बचा जा सके, लेकिन लगता है जब तक लोगों के घरों में बारिश का पानी नहीं पहुंचेगा तब तक निगम को नाला सफाई की याद नहीं आएगी.


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बता दें क्षेत्र में तो नहीं लेकिन कागजों पर नाला सफाई हो चुकी है. इसके अलावा शहर के कई नालों को पक्का कराया जा रहा है, जिससे जलस्तर घटने की आशंका भी जाहिर की जा रही है. शहर में नाला सफाई और सीवर सफाई के लिए नगर निगम करोड़ों रुपए खर्च करता है, लेकिन सफाई का ये आलम है की अभी तक सिर्फ नाला सफाई और सीवर सफाई कागजो में की जा रही है.  ये कहना है नगर निगम नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित का. उनका कहना है की 10 जून तक नाला सफाई और सीवर सफाई हो जानी चाहिए, लेकिन अभी तक सफाई का कोई इंतजाम नहीं है.


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उन्होंने आगे कहा कि अगर शहर की बात की जाए तो 400 से अधिक छोटे और बड़े नाले हैं, लेकिन उनकी सफाई का जिम्मा नगर निगम और जिला प्रशासन का है. इसके साथ ही शहर के सबसे प्रमुख स्वर्णरेखा नदी को भी कुछ साल पहले 110 करोड़ रुपए खर्च करके पक्का कर दिया गया, जिससे इस इलाके का वाटर लेवल भी डाउन हो गया है. क्योंकि कच्चे नाले होने की वजह से वाटर रीचार्ज होता रहता था. इसके अलावा अभी भी कई इलाकों में नाले को पक्का किए जाने का काम किया जा रहा है. 


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हालांकि इस मामले में पूर्व महापौर और नवनिर्वाचित सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है की नाला और सीवर सफाई के लिए सफाईकर्मी और टेंडर कराये जाते हैं, लेकिन कई बार बारिश का बहाव इतना तेज होता है की नालों से सटे घरों में पानी पहुंच ही जाता है. लेकिन समय समय पर नाला सफाई कराई जाती रही है. नालों को पक्का किया जाने के मामले में सांसद का कहना है कि कई इलाकों में जरूरत थी इसीलिए नाले को पक्का कराया गया है.