भोपाल: ऊर्जा विभाग बिलिंग और रीडिंग सिस्टम में बदलाव करने जा रहा है. इसके लिए राजधानी भोपाल में मार्च से 3 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. इन स्मार्ट मीटर में सिम लगी रहेगी, जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं की रीडिंग विभाग तक पहुंच जाएगी. ऐसे में जो बिजली का जितना उपयोग करेगा, उसे उतना ही बिल देना होगा. 


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ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव के संजय दुबे ने बताया कि विभाग की तरफ से ऐसे इलाकों को चिह्नित कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को बिजली बिल ईमेल और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिए भेजे जाएंगे. जानकारी के मुताबिक स्मार्ट मीटर सबसे पहले राजधानी के नए शहर के इलाकों में लगाए जाएंगे. हालांकि जिन इलाकों में बिजली चोरी होती है, वहां पर रीडर ही रीडिंग करेंगे.


इन उपभोक्ताओं के यहां नहीं लगेगा स्मार्ट मीट
ऊर्जा विभाग की तरफ से जारी जानकारी के मुताबिक 10 किलोवाट से ज्यादा बिजली लोड वाले उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर नहीं लागाया जाएगा. इन उपभोक्ताओं का रीडिंग डाटा जोन पर लगे सर्वर में खुद पहुंच जाएगा. 


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बिजली चोरी वाले इलाकों में गूगल मैपिंग से होगी निगरानी
बिजली चोरी वाले इलाकों में मीटर विभाग की तरफ से मीटर रीडरों पर गूगल मैपिंग से नजर रखी जाएगी. जो कि सिस्टम आधारित होगा. यह जिस स्थान पर जाएगा, वहां पर डाटा सर्वर में सेव हो जाएगा.


इसलिए किया जा रहा है बदलाव
विभाग को जानकारी मिली है कि 25 से 30 फीसदी उपभोक्ताओं के बिल असेसमेंट के नाम पर थमाए जा रहे हैं. साथ ही एडजस्टमेंट के नाम पर भी मनमानी बिलिंग की जा रही है. इसके अलावा शहर के कई उपभोक्ताओं द्वारा मनमानी करके रीडिंग भी कराई जा रही है. जिसकी वजह से बिजली विभाग को नुकसान हो रहा है. 


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फैसले के विरोध में उतरा कर्मचारी यूनियन
हालांकि, बिजली कर्मचारी यूनियन-ऊर्जी विभाग के इस फैसले के विरोध में उतर आया है. कर्मचारी यूनियन के नेता वीकेएस परिहार का आरोप है कि विभाग मीटर लगाने के नाम पर केवल फौरी तौर पर ही सुधार कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर विभाग को रीडिंग कराना है तो नियमित कर्मचारियों से ही रीडिंग कराए. वहीं, कांग्रेस ने भी बिजली विभाग के इस फैसले पर विरोध जताया है. 


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