भोपाल: प्रदेश के सियासी गलियारों में भूचाल लाने वाले ई-टेंडरिंग घोटाले की जांच की सच्चाई जानेंगे तो हैरान रह जायेंगे. ऑनलाईन डाटा टेपरिंग से जुड़े प्रदेश के सबसे बडे ई-टेंडरिंग घोटाले की जांच तो पिछले कई महीनों से ईओडब्लू कर रहा है. सरकार बदलने के साथ जांच की रफ्तार तेज हुई तो लगा कि कई बड़े अफसर नप जायेंगे. लेकिन, जांच एजेंसी जिस अमले के भरोसे जांच कर रही है, उसमें मौजूदा दौर में एक भी तकनीकी एक्सपर्ट नही है. देश की कई बड़े आईटी कंपनी के दफ्तरों पर बीए, बीकॉम और बीएससी ग्रेजुएट डीएसपी और एसआई निरीक्षक छापे की कार्रवाई कर रहे हैं. 


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जब बात ऑनलाइन डाटा और साफ्टवेयर से जुड़ी जांच और जप्ती की आती है तो अधिकारी एक दूसरे के मुंह ताकतें नजर आते हैं. इसके पीछे की वजह जांच एजेंसी के पास एक भी आईसीटी प्रोग्रामर, सिस्टम एनालिस्ट डायरेक्टर (टेक्निकल) मौजूद नहीं है. पिछले कुछ दिनों से तो जांच ठप्प सी पड़ी है. ईओडब्लू के डीजी केएन तिवारी भी स्टॉप नहीं होने से परेशान हैं. यही नहीं उनकी मानें तो कई बार वो इस मामले को लेकर पुलिस मुख्यालय से संपर्क कर चुके हैं. लेकिन, अभी तक आईटी एक्सपर्ट मुहैया नहीं कराये गए हैं. लिहाजा जांच एजेंसी के पास ई टेंडरिंग घोटाले से जुडी हुई जांच बेहद सुस्त और थमी हुई है. 


 



ईओडब्ल्यू में कितने विवेचकों की कमी


पद                         स्वीकृत                    मौजूदा 
डीएसपी                    22                           15
निरीक्षक                    43                           35
एसआई                     38                           35
जूनियर राइटर            11                            07
आईसीटी प्रोग्रामर         2                            00
सिस्टम एनालिस्ट          1                            00
डायरेक्टर (टेक्निकल)   1                            00