Dr. Subhash Chandra on Press Freedom: मीडिया की स्वतंत्रता से जुड़े अहम मुद्दे पर दिल्ली में आयोजित मीडिया मीट प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने सोमवार को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा- ''जनता को हमसे बहुत उम्मीद, वो चाहती है हम उनके मुद्दे दिखाएं. कोई कितनी कोशिश करें हम बिना किसी दबाव में जनहित की खबरें दिखाते रहेंगे.'' दरअसल, पूर्व राज्यसभा सांसद ने यह बात पंजाब में जी न्यूज समेत अन्य चैनलों के साथ घटी एक घटना को लेकर कही. साथ ही डॉ चंद्रा ने यह भी कहा कि वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे पर उन्होंने जो बयान जारी किया था वह किसी भी व्यक्ति पर केंद्रित नहीं था. मीडिया से जुड़े होने की वजह से उन्होंने बस अपनी बात रखी थी. 


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लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाना वाला भारतीय मीडिया अभूतपूर्व दबाव का सामना कर रहा है. इसका ताजा उदाहरण देश के सबसे पुराने न्‍यूज चैनल जी न्यूज के साथ घटी घटना से मिलता है. जी मीडिया के प्रमुख चैनल जी न्यूज ने 23 मई 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक इंटरव्यू किया था. इस इंटरव्यू के बाद, जी मीडिया की स्वतंत्र संपादकीय टीम ने कुछ विवादास्पद सामग्री के कारण इंटरव्यू को नहीं दिखाने का फैसला किया था. हालांकि, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने जोर दिया कि जी न्यूज को पूरा इंटरव्यू दिखाना चाहिए, अन्यथा वे गंभीर परिणाम भुगतेंगे, जिसमें पंजाब सरकार द्वारा विज्ञापन न देना भी शामिल है. इसके बाद, जी समूह के चैनलों को पंजाब में बैन कर दिया था. 


कानूनी कदम से मिली सफलता
पंजाब में आप सरकार ने राज्य भर में जी न्यूज, जी PHH और जी दिल्ली एनसीआर चैनलों पर रोक लगा दी. साथ ही जी एंटरटेनमेंट के चैनलों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया. हालांकि, जी न्यूज ने इस दबाव के खिलाफ कानूनी कदम उठाते हुए आठ दिनों बाद अपने चैनलों को बहाल करने में सफलता पाई. इस घटना के बाद डॉ.सुभाष चंद्रा ने मीडिया की स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जी मीडिया हमेशा निष्पक्ष और विश्वसनीय समाचार प्रस्तुत करने के प्रति प्रतिबद्ध रहेगा.


'मीडिया की स्वतंत्रता के बिना एक स्वस्थ लोकतंत्र की कल्पना नहीं'
3 मई 2024 को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर डॉ. सुभाष चंद्रा ने एक वीडियो संदेश जारी किया था, जिसमें प्रेस की स्वतंत्रता के महत्व पर जोर दिया गया. यह वीडियो वायरल हो गया और मीडिया जगत ने इस वीडियो को इसे काफी सराहा था. इसके बाद डॉ चंद्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी, जिसमें वरिष्ठ मीडिया सदस्य शामिल हुए और रचनात्मक बातचीत हुई. इस घटना ने सरकार को भी स्पष्टीकरण मांगने पर मजबूर किया. जी मीडिया ने इसे सरकार या किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ कदम नहीं बताया. इसके बाद, उन्हें आश्वासन मिला कि चुनावों के बाद नई सरकार के साथ मिलकर प्रेस स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे. डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता के बिना एक स्वस्थ लोकतंत्र की कल्पना नहीं की जा सकती. जी मीडिया की प्रतिबद्धता हमेशा इस स्वतंत्रता को बनाए रखने और सार्वजनिक हित की पत्रकारिता को बढ़ावा देने की रहेगी.


डॉक्टर चंद्रा ने की मीडिया की स्वतंत्रता के खिलाफ खड़े होने की बात
मीडिया मीट में डॉक्टर चंद्रा ने सभी हितधारकों से मीडिया की स्वतंत्रता के खिलाफ खड़े होने का आग्रह भी किया. जी मीडिया ने हमेशा स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता के अपने धर्म को निभाने का वचन दिया है. इसके लिए डॉ. सुभाष चंद्रा ने कुछ मुख्य पॉइंट भी बताए. पहला, सच को पूरे साहस के साथ सत्ता के सामने पेश करना. दूसरा, सार्वजनिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना, चाहे वह सरकार की आलोचना हो या नहीं. तीसरा, पत्रकारों को दबाव का सामना करने और विपरीत स्थितियों में अपनी सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए प्रशिक्षित करना. चौथा, अगर जरूरी हो, प्रेस स्वतंत्रता के उल्लंघन के खिलाफ जनहित याचिकाएं दाखिल करना और कानूनी उपायों की तलाश करना.