नई दिल्लीः सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज में कटौती का ऐलान किया है. सरकार के इस कदम से आम आदमी को झटका लग सकता है. बता दें कि वित्त मंत्रालय ने सर्कुलर जारी कर छोटी बचत योजनाओं की दरों में 50-100 आधार अंकों की कटौती की है. 1 अप्रैल से छोटी बचत योजनाओं पर यह कटौती लागू हो गई है. 


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इतनी होगी कटौती
बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज को सरकार ने 4 प्रतिशत वार्षिक से घटाकर 3.5 फीसदी वार्षिक कर दिया है. वहीं पीपीएफ योजना में भी ब्याज दर 7.1 फीसदी से घटाकर 6.4 फीसदी वार्षिक कर दी है. वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना पर भी ब्याज दर 7.4 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी तिमाही कर दिया गया है. पहले साल टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दर घटाकर 4.4 फीसदी कर दी गई है, जो कि पहले 5.5 फीसदी थी. इसी तरह दूसरे साल टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दर 5.0 फीसदी और तीसरे और पांचवें साल पर टाइम डिपॉजिट घटाकर क्रमशः 5.1 और 5.8 फीसदी कर दी गई है. 


नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर ब्याज दर 6.8 फीसदी से घटाकर 5.9 फीसदी हो गया है. किसान विकास पत्र पर मिलने वाला ब्याज 6.9 फीसदी से कम होकर 6.2 फीसदी हो गया है. साथ ही किसान विकास पत्र की मैच्योरिटी की समय सीमा भी बढ़ाकर 124 महीनों के बजाय 138 महीने कर दिया गया है. सुकन्या समृद्धि योजना में भी ब्याज दर 7.6 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दी गई है. 


PPF की ब्याज दर में 46 साल बाद आई इतनी गिरावट
गौरतलब है कि पीपीएफ की ब्याज दर 46 साल बाद पहली बार 7 फीसदी से कम हुई है. इससे पहले साल 1974 में पीपीएफ खाते पर मिलने वाली ब्याज दर 7 फीसदी से कम थी. बता दें कि आम आदमी बचत के लिए इन योजनाओं में बड़े पैमाने पर निवेश करते हैं. ऐसे में इन योजनाओं में ब्याज दर की कटौती से आम आदमी पर इसका सीधा असर पड़ेगा.