नई दिल्लीः युवाओं का एक समूह बुंदेलखंड क्षेत्र में किसानों, जरूरतमंद और बेघर लोगों के बीच ठिठुरती सर्दी में गर्म कपड़े, कंबल और स्वेटर बांट रहा है. इस समूह से जुड़े नौजवान गांवों में घूमकर जरूरतमंद लोगों के बीच गर्म कपड़ें बांट रहे हैं. सेज स्वेटर कलेक्शन ड्राइव नाम की इस मुहिम से जुड़े युवा घर-घर जाकर लोगों से पुराने गर्म कपड़े इकट्ठा कर रहे हैं और उसके बाद उन्हें जरूरतमंद लोगों को बांट रहे हैं. इस मुहिम को चलाने वाले संजय तिवारी का कहना है कि सर्दी अपने चरम पर है और समाज में अभी भी ऐसे कई लोग हैं जो गर्म कपड़ों, स्वेटर और कंबल से मोहताज हैं. हमारी कोशिश है कि हम ऐसे जरूरतमंद लोगों को इस कड़ाके की ठंड में उनके हिस्से की गर्माहट दे सकें.


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संजय युवाओं के समूह के साथ मिलकर साल 2012 से यह काम कर रहे हैं. उनकी इस कोशिश में पढ़ने-लिखने और नौकरीपेशा युवा उनका साथ देते हैं. युवाओं का यह समूह हर साल दिसंबर से लेकर जनवरी तक गर्म कपड़े और स्वेटर बांटता है. इस टीम का कहना है कि उनका ग्रुप अभी तक डेढ़ लाख लोगों को पुराने व नए गर्म कपड़े बांट चुका है. 


इस कलेक्शन ड्राइव को चलाने वाले संजय का कहना है कि मेरा और मेरे कुछ साथियों का समूह 2012 में कॉलेज के वक़्त बन गया था. इस ग्रुप का सीधा उद्देश्य बेघर और ज़रूरतमंद लोगों की मदद करना है. हम पिछले 7 सालों से लगातार सर्दियों में कम्बल और कपड़े बांटने का काम कर रहे हैं. जिससे ग़रीब और बेघर लोगों को सर्दी में ठंड से बचाया जा सके. इसके लिए हम घर-घर जाकर गरम पुराने कपड़े इकट्ठा करते हैं और कंबल के लिए चंदा इकट्ठा करते हैं. इकट्ठा किए गए कपड़े-पैसे से हम ऐसे लोगों को मदद करते हैं, जिनको वाक़ई इसकी ज़रूरत है.



उन्होंने बताया कि हम इस वर्ष भी मुहिम का संचालन अलग-अलग शहरों में कर रहे हैं. इनमें दिल्ली, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, ललितपुर, झांसी शहर शामिल हैं. जहां हमने कलेक्शन प्वॉइंट बना रखे हैं और हमारे साथी वहां पुराने गरम कपड़े कलेक्ट कर रहे हैं. हमारी ये मुहिम हर वर्ष 1 दिसम्बर से शुरू होकर 15 जनवरी तक चलाई जाती है.
 
15 दिसम्बर 2019 को इस सीजन का पहला डोनेशन ललितपुर जिले के खजरा, बरखिरिया, इमिलिया गांव में किया गया था. जहां सेज कलेक्शन की टीम ने 2000 से ज्यादा गरम कपड़े बांटे. वृद्ध किसानों और लोगों को कम्बल दिए गए. इस बार बुंदेलखंड के लिए पूरे एक महीने का रोड मैप तैयार किया गया है. जिसमे तकरीबन 50 से ज्यादा गांव कवर किये जाएंगे.