ग्वालियर: ग्वालियर नगर निगम शहर में जल्द ही ''थैला बैंक" खोलने जा रहा है. इस बैंक में स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की महिलाएं कॉटन बैग बनाएंगी. इन कॉटन बैग्स को निगम खरीदेगा और बाजार में उचित मूल्य पर बेचेगा. थैला बैंक का मकसद प्लास्टिक और पॉलिथीन के इस्तेमाल को कम करना है. अगले हफ्ते तक शहर में थैला बैंक शुरू होने की उम्मीद की जा रही है.


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महिलाओं को मिलेगा रोजगार
शहर में बनाए जा रहे थैला बैंक में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कपड़े के थैले बनाएंगी. इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शहर में एक सेंटर खोला जा रहा है. अगर यह सफल होता है तो इस तरह के कई और सेंटर अलग-अलग जगह खोले जाएंगे. फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हो रहे थैला बैंक से 50 महिलाओं को जोड़ा जा रहा है.


थैलों की मार्केटिंग का प्लान तैयार होगा
थैला बैंक को लेकर ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा का कहना है कि प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले नुकसान को हम सभी जानते हैं. इसलिए कॉटन के थैले बनने के बाद इनकी सप्लाई के लिए शहर के व्यापारिक संगठनों से बातचीत की जाएगी. थैलों की मार्केटिंग का प्लान तैयार किया जाएगा. ज्यादा से ज्यादा लोगों तक थैला पहुंचाना एक बड़ा टास्क होगा.


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इसके लिए चेन सिस्टम डवलप करना होगा. बड़े व्यापारियों से लेकर ठेला वालों को इसमें शामिल करने की जरूरत होगी. ग्वालियर में प्लास्टिक और पॉलीथिन के इस्तेमाल से जानवरों की मौत के भी कई मामले आए हैं. साथ ही प्लास्टिक से कई बिमारियों का भी खतरा रहता है. इसी के चलते नगर निगम ने पॉलीथिन का तोड़ निकालने के लिए थैला बैंक शुरू करने की पहल की है.


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