Madhya Pradesh News: ग्वालियर में वरमाला के बाद जब मंडप में सात फेरे लेने की बारी आई तो दूल्हा बने डाक्टर ने दस लाख रुपए और एक प्लाट की मांग रख दी. जब मांग पूरी नहीं हुई तो दूल्हे ने सात फेरे लेने से इनकार करते हुए शादी तोड़ दी. काफी समझाने के बाद भी जब बात नहीं बनी तो दुल्हन ने महिला थाना पहुंचकर मामले की शिकायत की. पुलिस ने काउंसिलिंग की और राजीनामा कराने की पहल की, लेकिन बात नहीं बनी तो मामला दर्ज कर लिया है. 


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दरअसल, शहर के थाटीपुर थाना क्षेत्र निवासी नेहा सिंह पुत्री डॉ. जबर सिंह का विवाह जून माह में शिवपुरी खनियाधाना निवासी सतेन्द्र से तय हुआ था. सतेन्द्र डॉक्टर है और बातचीत तय होने के बाद नेहा के परिजन ने उनसे दहेज की बात की तो सतेन्द्र व उसके परिजन ने किसी प्रकार की कोई डिमांड नहीं होना बताया था. जिसके बाद 22 नवंबर को उनका विवाह होना तय हुआ था. 


फेरे से पहले मांगे 10 लाख रुपये
बारात दरवाजे पर पहुंची और उसके बाद मैरिज गार्डन में स्टेज पर वर-वधु की जयमाला तक सब ठीक चला लेकिन पंडित ने जब फेरे लेने के लिए मंडप में आने के लिए कहा तो रंग में भंग पड़ गया. कारण था कि सतेंद्र और उसके परिजन ने अचानक फेरे लेने से पहले दस लाख रुपए के साथ ही ग्वालियर में एक प्लाट की मांग रख दी.  दुल्हन पक्ष के लोगों ने दूल्हे और उसके परिजन को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी. इसके बाद बिना फेरे लिए दूल्हा बारात वापस लेकर चला गया. 


दूल्हे के परिवार पर केस दर्ज
बारात वापस जाने के बाद नेहा सिंह महिला थाने पहुंची और मामले की शिकायत की. शिकायत की गंभीरता को देखते हुए महिला थाना पुलिस ने दोनों पक्षों की काउंसलिंग कराई, लेकिन बात नहीं बनी तो पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर होने वाले दूल्हे डॉक्टर सतेंद्र वमन्या, उसके पिता लखन लाल, भाई जितेंद्र, पुष्पेंद्र, बहन किरण और मां फूलवती के खिलाफ मामला दर्ज किया है.


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