Gwalior News: आगरा में नकली घी बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है. यहां लंबे समय से पंतजलि, अमूल समेत  18 बड़े ब्रांड का स्टिकर लगाकर घी की पैकिंग की जाती थी. इस नकली घी की सप्लाई यूपी, राजस्थान, हरियाणा जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में की जाती थी. पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यहां नकली घी यूरिया, पॉम ऑयल और परफ्यूम समेत अन्य चीजों का इस्तेमालकर नकली घी बनाया जाता था. नकली घी बनाने वाली फैक्ट्री का मास्टरमाइंड ग्वालियर का रहने वाला है. 


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बता दें कि पिछले साल तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाले घी मिलाने का मामला सामने आया था. इसके बाद से नकली घी बनाने वालों पर काफी सतर्कता बरती जा रही है. इसके बावजूद नकली देसी घी के सौदागर अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं. ग्वालियर रजिस्टर्ड प्योर इट और रियल गोल्ड नाम की फर्मों का उपयोग आगरा में मिला है. इस फैक्ट्री में लंबे समय से देश के 18 बड़े ब्रांड का स्टिकर लगाकर घी की पैकिंग की जाती थी. इस नकली घी को  राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, असम व बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा शहरों के फास्ट फूड बाजारों में सीधे बेचा जाता था. करीब 170 रुपये में नकली घी बनकर तैयार हो जाता था, जो बाजार में 650 रुपये 700 प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा था.


2 साल में बिका 10 करोड़ का नकली घी


पुलिस की जांच में पता चला है कि इस फैक्ट्री से दो साल में करीब 10 करोड़ रुपये के नकली घी की बिक्री की गई है. पुलिस द्वारा जांच के दौरान 1.18 करोड़ रुपये की बिक्री किए जाने के साक्ष्य मिले हैं.  पुलिस ने छापे के दौरान फैक्ट्री से 144 किलोग्राम एक्सपायरी वनस्पति बरामद किया है. फिलहाल पुलिस ने नकली घी बनाने वाली फैक्ट्री के मैनेजर राजेश भारद्वाज, कर्मचारियों में शिवचरण, भास्कर गौतम, ग्वालियर के माधौगंज के रहने वाले रवि मांझी और सागर के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह को पकड़कर जेल भेज दिया है. वहीं, मुख्य आरोपी यानी फैक्ट्री के संचालकण अभी पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं. 


वॉट्सएप से चलाते थे कारोबार


इस फैक्ट्री के संचालक ग्वालियर की मैनावाली गली के नीरज अग्रवाल, पंकज अग्रवाल व बृजेश अग्रवाल हैं. इनके साथ ग्वालियर के और भी लोग शामिल हैं. ये लोग वॉट्सएप के जरिये पूरा कारोबार चला रहे थे. फैक्ट्री मालिकों की गिरफ्तारी के लिए आगरा पुलिस ग्वालियर में दबिश दे रही है. 


जानकारी के मुताबिक, नकली घी के सौदागरों ने साल 2022 में कहरई मोड़ स्थित मारुति प्रवासम कालोनी में फैक्ट्री खोली थी. इसके लिए कारोबारियों ने तीन गोदाम किराए पर लिए थे. पहली बार नकली घी की सप्लाई बजरंग ट्रेडर्स को की गई थी. पुलिस की जांच में पता चला है कि 8 नवंबर 2024 तक बजरंगी ट्रेडर्स को  43 लाख रुपये का नकली घी भेजा जा चुका था. पुलिस को गोदाम से सभी बिलों की प्रतियां मिली हैं. जिसके आधार पर आगे की जांच जा रही है. 


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