जीका वायरस की जांच के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने मध्यप्रदेश भेजा एक केंद्रीय दल
राज्य के स्वास्थ्य विभाग को मच्छर से फैलने वाले इस रोग के लक्षण वाले लोगों पर कड़ी नजर रखने को कहा है.
नई दिल्ली: जयपुर और अहमदाबाद के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब मध्य प्रदेश में जीका विषाणु मामलों की खबरों के सत्यापन के लिए विशेषज्ञों का एक दल भेजा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और इमरजेंसी मेडिकल रिस्पॉन्स के विशेषज्ञों का एक केंद्रीय दल तीन व्यक्तियों के जीका विषाणु के चपेट में आने की सूचना मिलने के बाद मध्यप्रदेश गया है.
उन्होंने कहा, ''दल तथ्यों का सत्यापन करेगा और यदि सूचना सही पायी जाती है तो वह मध्यप्रदेश सरकार को जीका के संभावित प्रसार को रोकने के लिए जयपुर और अहमदाबाद जैसे कदम उठाने और कार्ययोजना तैयार करने में उसकी मदद करेगा.''
जीका संक्रमण के लक्षण डेंगू के लक्षण की भांति
अधिकारी ने कहा, ''चूंकि जीका संक्रमण के लक्षण डेंगू के लक्षण की भांति ही होते हैं और यह मच्छरों के काटने से फैलता है, अतएव चिंता पैदा हो गयी है.'' उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग को मच्छर से फैलने वाले इस रोग के लक्षण वाले लोगों पर कड़ी नजर रखने को कहा है. इस बीच, अहमदाबाद में सघन मेडिकल जांच चलाया जा रहा है और मच्छरों को फैलने से रोकने के उपाय तेज किये जा रहे हैं. गुजरात में मच्छर से फैलने वाली इस बीमारी का यह पहला मामला है.
गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है'जीका वायरस
जीका विषाणु एडीज एजीप्टी मच्छर से फैलता है. इस बीमारी में ज्वर, त्वचा पर चकते, आंखों में शोथ और मासंपेशियों एवं जोड़ों में दर्द होता है. यह गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है क्योंकि इससे शिशु का सिर उम्मीद से बहुत छोटा रह जाने की आशंका रहती है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं को प्रभावित क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी है.
(इनपुट भाषा से)