भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार राज्य में 'लव जेहाद' और जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए मंगलवार को अध्यादेश के जरिए 'मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020' लाने जा रही है. शिवराज कैबिनेट की 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे होने वाली बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी मिल जाएगी. उससे पहले राज्य के हिंदू और मुस्लिम संगठनों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे अपराध रोकने के लिए सबसे पहले फर्जी काजियों और पंडितों को चिन्हित किया जाए. 


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संस्कृति बचाओ मंच ने सरकार से क्या की मांग?
संस्कृति बचाओ मंच ने सरकार से मांग की है कि 'लव जेहाद' कानून के साथ ही सरकार रजिस्टर्ड काफी और फर्जी काजियों को चिन्हित करे. क्योंकि फर्जी काजी ही ऐसे निकाह कराते हैं, जिनमें 'लव जेहाद' का मामला होता है. संस्कृति बचाओ मंच ने साथ ही मांग की है कि सरकार फर्जी काजियों के साथ फर्जी पंडितों को भी चिन्हित करे. संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि सबसे ज्यादा लव जेहाद की घटना उस तरफ से हो रही है. ऐसी घटनाओं पर रोक लगानी है तो फर्जी काजियों को सरकार चिन्हित करे. ऐसे काजी ही लव जेहाद जैसी शादियां कराते हैं.


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मुस्लिम नेता औसफ शाहमीरी खुर्रम ने क्या कहा?
वहीं मुस्लिम नेता औसफ शाहमीरी खुर्रम का कहना है कि सरकार जो कदम उठा रही है वह उसकी ड्यूटी है. लव जेहाद के मामले सामने आ रहे हैं. इस पर सरकार रजिस्टर्ड काजी और रजिस्टर्ड पंडित को चिन्हित कर दे. जब सरकार चिन्हित कर देगी तो इस तरीके के मामले नहीं होंगे. खुर्रम का कहना है कि कौन योग्य, कौन सर्टिफाइड है यह जांच का विषय है. जब असली लोग काम करेंगे तो गैर कानूनी काम नहीं होंगे. सरकार को कीजियों और पंडितों को रजिस्टर्ड कर देना चाहिए. जिनकी वजह से माहौल खराब होता हो ऐसे लोग काम नहीं कर पाएंगे तो इस तरह के मामलों पर रोक लगेगी.


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