पेगासस बनाने वाली कंपनी हैकिंग के लिए जिम्‍मेदार, आरोप हुए तय, अब कोर्ट बताएगा जुर्माना
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पेगासस बनाने वाली कंपनी हैकिंग के लिए जिम्‍मेदार, आरोप हुए तय, अब कोर्ट बताएगा जुर्माना

Whatsapp Pegasus Case: अमेरिकी कोर्ट में जज ने व्हाट्सएप द्वारा दायर किए गए मुकदमे में इजरायली स्पाइवेयर फर्म NSO ग्रुप के खिलाफ फैसला सुनाया है.

पेगासस बनाने वाली कंपनी हैकिंग के लिए जिम्‍मेदार, आरोप हुए तय, अब कोर्ट बताएगा जुर्माना

US Court on Pegasus: व्हाट्सएप और पेगासिस के बीच चल रहे विवाद में अमेरिकी अदालत ने मेटा प्लेटफॉर्म्स के व्हाट्सएप के पक्ष में फैसला सुनाया है. इस फैसले में इजराइल की स्पाइवेयर कंपनी एनएसओ ग्रुप को अनधिकृत निगरानी के लिए व्हाट्सएप में स्पाइवेयर स्थापित करने का दोषी पाया गया है. न्यायाधीश ने हैकिंग और अनुबंध का उल्लंघन करने लिए एनएसओ को उत्तरदायी ठहराया है. अब मामले की सुनवाई केवल नुकसान का निर्धारण करने के लिए चल रही है.

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व्‍हाट्सएप के लूप होल का उठाया फायदा

इस कदमे में एनएसओ पर पेगासस नामक स्पाइवेयर इंस्टॉल करने के लिए व्हाट्सएप की एक खामी का फायदा उठाने का आरोप लगाया गया है. एनएसओ को दोषी ठहराए जाने के बाद अब आगे की सुनवाई में यह तय किया जाएगा कि एनएसओ को कितना हर्जाना देना होगा. बता दें कि व्हाट्सएप ने 2019 में मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया कि कंपनी ने लगभग 1,400 लोगों के डिवाइसेस पर पेगासस इंस्टॉल करने की अनुमति लिए बिना पेगासस स्‍पाइवेयर स्‍थापित किया. ये डिवाइस पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों के थे.

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कोर्ट का फैसला

कैलिफोर्निया के ओकलैंड में अमेरिकी जिला न्यायाधीश फीलिस हैमिल्टन ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि एनएसओ ने उपयोगकर्ता उपकरणों से समझौता करने के लिए व्हाट्सएप सर्वर के माध्यम से दुर्भावनापूर्ण संदेश भेजकर कंप्यूटर धोखाधड़ी और दुरुपयोग अधिनियम और व्यापक कंप्यूटर डेटा एक्सेस और धोखाधड़ी अधिनियम का उल्लंघन किया है. इतना ही नहीं एनएसओ ने व्हाट्सएप की सेवा की शर्तों का उल्लंघन करके उसके अनुबंध का उल्लंघन किया है.

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अमेरिकी अदालत के इस फैसले के बाद व्हाट्सएप के प्रमुख विल कैथकार्ट ने इसे गोपनीयता की जीत बताया. उन्होंने कहा कि हमें यहां तक पहुंचने में 5 साल लगे लेकिन हमें यकीन था कि स्पाइवेयर कंपनियां अपनी गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जवाबदेह साबित होंगी. व्हाट्सएप आगे भी लोगों के निजी संचार की सुरक्षा करता रहेगा.

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