चन्द्रशेखर सोलंकी/रतलाम: एक तो ये ठंड और साथ में कोरोना वायरस के चलते बिगड़ा हुआ सारा सिस्टम. जिसका सीधा असर रतलाम में हर साल गर्म कपड़ों की दुकान लगाने वाले व्यपारियों पर पड़ा है. जहां हर साल ठंड के सीजन में आसपास के इलाकों के अलावा कश्मीर से भी व्यापारी शॉल और स्वेटर बेचने आया करते थे, वे नहीं आ पाए. वहीं आसपास के इलाकों के जो व्यापारी गर्म कपड़ो की दुकाने लगाते हैं उनकी भी संख्या भी कम हो गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ें-मां ने अपनी नवजात बच्ची की शक्ल भी नहीं देखी थी, अस्पताल की गलती से हुई गायब!


दरअसल हर साल इन गर्म कपड़ों के व्यपारियों को व्यवसाय के लिए निगम से किराये पर जगह मिलती है. जिसके लिए उन्हें 7 हजार रुपये प्रतिमाह देने होते हैं. लेकिन इस वर्ष निगम ने इन्हें शहर के बीच जगह नहीं दी. ऐसे में इन व्यपारियो को शहर के बाहरी इलाके में निजी जमीन किराये पर लेनी पड़ी.


ये भी पढ़ें-कहीं मिलावटी दूध तो नहीं पी रहे आप? इन आसान तरीकों से करें असली नकली की पहचान


कोरोना काल के कारण इन व्यापारियों को वेसे ही नुकसान उठाना पड़ रहा है और दूसरी और रात्रि कर्फ्यू के कारण 9.30 बजे तक दुकाने बन्द करनी पड़ती है. जबकि पिछले वर्ष यही दुकाने रात 11.30 तक खुली रहती थी. ऐसे में इन व्यपारियो पर दोहरी मार पड़ी है और इसका खासा नुकसान इस बार इन व्यपारियो को झेलना होगा.


शिवराज के मंत्री ने कहा-पंजाब के उस क्षेत्र में हो रहा आंदोलन, जहां की सीमा पाकिस्तान से लगी


आपको बता दें कि रतलाम में कोहरे का धुंधलापन जरूर कम होने लगा है लेकिन ठंड का पारा लगतर लुढकता जा रहा है. जिले में रात का तापमान न्यूनतम 9 डिग्री तक चला गया. ऐसे में कंपकपा देने  वाली ठंडी हवा में अब बाहर घूमना मुश्किल होने लगा है. दिन में हल्की धूप से मामूली राहत मिल जाती है लेकिन शाम ढलते ही एक बार फिर ठंड का कहर शुरू हो जाता है.


रात होने से पहले ही सड़को से ट्रैफिक गायब हो जाता है और लोग घरों में दुबक जाते हैं. जो मजबूरी अपने काम-काज के लिए बाहर रह जाते हैं वे अलाव के सहारे रात गुजारते हैं.


Watch LIVE TV-