रायपुर: कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव की तैयारियां परखने के लिए छत्तीसगढ़ के सात जिलों में 2 जनवरी को मॉकड्रिल किया जाएगा. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों की राजधानी में ड्राई-रन के निर्देश दिए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार सात जिलों रायपुर, सरगुजा, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, बस्तर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में मॉकड्रिल के जरिए वैक्सीनेशन की तैयारियों को परखेगी. पहले इसकी तिथि 4 जनवरी निर्धारित की गई थी, लेकिन केंद्र सरकार के निर्देश पर अब इसे बदला गया है.


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मॉकड्रिल क्या होता है और क्यों किया जाता है?
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने बताया इस मॉकड्रिल का उद्देश्य कोल्ड चेन मैनेजमेंट, वैक्सीन की सप्लाई, स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स को परखना है. इसके जरिए वैक्सीनेशन के लिए बूथों पर लोगों के पहुंचने, उनकी एंट्री, रजिस्ट्रेशन, वैक्सीनेशन व ऑब्जर्वेशन में रखने की तैयारियों को भी परखा जाना है. वैक्सीनेशन के दौरान को-विन एप में एंट्री से लेकर वैक्सीन लगाने तक कितना समय लगता है, यह भी देखा जाएगा. अधिकारियों ने बताया, 4 राज्यों में कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों के सफल ट्रायल के बाद केंद्र सरकार ने सभी प्रदेशों की राजधानी में इसके ड्राई-रन के निर्देश दिए हैं. 


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छत्तीसगढ़ के 7 जिलों में होगा वैक्सीन मॉकड्रिल
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर जिले के साथ ही 6 दूसरे जिलों में एक साथ मॉकड्रिल करने का फैसला किया है. मॉकड्रिल के लिए चयनित जिलों में दूरस्थ अंचल के भी कुछ जिले शामिल हैं. छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने गुरुवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबंधित जिलों में प्रभारी बनाए गए अपर कलेक्टरों और डिप्टी कलेक्टरों से तैयारियों की जानकारी ली. चयनित जिलों में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 25 लोगों पर मॉकड्रिल किया जाएगा. 


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