इंदौर: म्यूजिक थेरेपी से शांत हुआ हाथी मोती का गुस्सा, व्यवहार में भी आया सकारात्मक बदलाव
चिड़ियाघर के प्रभारी उत्तम सिंह यादव के मुताबिक हाथी मोती बचपन से ही चिड़ियाघर में रह रहा है. उसे लंबे समय तक जंजीरों से बांधकर रखा गया था, जिसकी वजह से वह गुस्सैल हो गया है.
इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में तबाही मचा रहे हाथी को अब संगीत सुनाया जा रहा है. चिड़ियाघर के डॉक्टरों के मुताबिक ऐसा हाथी को काबू में पाने के लिए किया जा रहा है. इस प्रयोग से हाथी के व्यवहार में कुछ दिनों से परिवर्तन भी आया है और अब वह शांत रहने लगा है.
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म्यूजिक से व्यवहार में हुआ सकारात्मक परिवर्तन
चिड़ियाघर के प्रभारी उत्तम सिंह यादव के मुताबिक हाथी मोती बचपन से ही चिड़ियाघर में रह रहा है. उसे लंबे समय तक जंजीरों से बांधकर रखा गया था, जिसकी वजह से वह गुस्सैल हो गया है. अब तक वह चिड़िया घर में कई बार तबाही मचा चुका है. 23 अगस्त के बाद वह 7 जनवरी को भी गुस्सा हो गया था. इस दौरान उसने बाड़े को भी तहस-नहस कर दिया था.
बाड़े में मोती के खेलने की भी है व्यवस्था
चिड़ियाघर के प्रभारी उत्तम सिंह यादव ने बताया कि बांसुरी और शहनाई का हाथी के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. इससे उसका चिड़चिड़ापन और गुस्सा भी कम हो गया है. इसलिए प्रबंधन की तरफ से उसे शांत रखने के लिए म्यूजिक थेरेपी दी जा रही है. इसके अलावा मोती के बाड़े में जेसीबी, ट्रैक्टर, ट्रक और बसों के टायरों को रखवाया गया है, ताकि मोती इनसे खेलने में व्यस्त रहे.
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उम्र बढ़ने से हाथियों में बढ़ता है गुस्सा
कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के चिकित्सकों का कहना कि हाथियों में उम्र के साथ गुस्सा बढ़ता है. मोती पिछले 40 वर्षों से रह रहा है. जिसकी वजह से वह दर्शकों का भी चहेता बन गया है. चिड़ियाघर में आने वाले अधिकतर लोग उसे प्यार से बिस्किट और फल खिलाते हैं.
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